Edited By Yaspal,Updated: 27 Sep, 2024 09:04 PM
पाकिस्तान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि भारत को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के ‘‘शांतिपूर्ण'' समाधान के लिए उसके (पाकिस्तान) साथ बातचीत करनी...
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि भारत को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के ‘‘शांतिपूर्ण'' समाधान के लिए उसके (पाकिस्तान) साथ बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में 20 मिनट से अधिक के अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया साथ ही अनुच्छेद 370 और आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी का संदर्भ दिया।
शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि ‘‘फलस्तीन के लोगों की ही तरह जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है।'' शरीफ ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए ‘‘ भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों तथा कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी।''
शरीफ ने आरोप लगाया कि शांति की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कहीं गई है।''
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना ऐसा वैश्विक घटनाक्रम है जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हिंदू श्रेष्ठतावादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की सबसे चिंताजनक अभिव्यक्ति है।'' उम्मीद की जा रही है कि भारत उत्तर देने के अपने अधिकार के तहत पाकिस्तान के आरोपों का करारा जवाब देगा। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर नियमित रूप से जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है भले ही चर्चा का विषय कुछ भी हो। भारत का दृढ़ रूख है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे।