Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Apr, 2025 01:37 PM
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर पाकिस्तान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। अमेरिका की कोर्ट ने तहव्वुर राणा को भारत के हवाले करने का रास्ता साफ कर दिया है। अब पाकिस्तान ने उससे दूरी बना ली है और उसे अपना नागरिक मानने से भी...
इंटरनेशनल डेस्क: मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर पाकिस्तान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। अमेरिका की कोर्ट ने तहव्वुर राणा को भारत के हवाले करने का रास्ता साफ कर दिया है। अब पाकिस्तान ने उससे दूरी बना ली है और उसे अपना नागरिक मानने से भी इनकार कर दिया है।
पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक आधिकारिक वीडियो बयान जारी किया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि तहव्वुर राणा ने बीते 20 वर्षों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। ऐसे में वह तकनीकी रूप से पाकिस्तान का नागरिक नहीं है। इस बयान में यह भी बताया गया कि राणा की कनाडाई नागरिकता पूरी तरह स्पष्ट है।
भारत को प्रत्यर्पण की राह में मिली बड़ी कामयाबी
भारत लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। मुंबई हमलों की साजिश में उसका नाम कई बार सामने आ चुका है। भारतीय जांच एजेंसियों के पास उसके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। अमेरिका की अदालत से मंजूरी मिलने के बाद अब राणा को भारत लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। ऐसे समय में पाकिस्तान का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पाक की रणनीति पर उठ रहे सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान जानबूझकर तहव्वुर राणा से दूरी बना रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके। मुंबई हमलों में उसकी भूमिका को लेकर पहले भी पाकिस्तान पर सवाल उठते रहे हैं। अब जब आरोपी भारत के करीब पहुंच रहा है तब पाकिस्तान का उससे किनारा करना एक राजनीतिक रणनीति मानी जा रही है।