पाकिस्तान ने भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए करंसी को लेकर थोपी नई शर्तें

Edited By Tanuja,Updated: 03 Nov, 2024 04:12 PM

pakistan imposes new currency conditions for indian sikh pilgrims

पाकिस्तान ने आर्थिक स्थिति में गिरावट के बावजूद, वहां भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए अपनी मुद्रा के उपयोग को सीमित करने की नई शर्तें लागू की  हैं। पाकिस्तान अब भारतीय रुपए को स्वीकार...

Islamabad: पाकिस्तान ने आर्थिक स्थिति में गिरावट के बावजूद, वहां भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए अपनी मुद्रा के उपयोग को सीमित करने की नई शर्तें लागू की  हैं। पाकिस्तान अब भारतीय रुपए को स्वीकार नहीं कर रहा है और वहां जाने वाले सिख जत्थों से कहा गया है कि वे डॉलर या पाउंड लेकर आएं। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान और पंजाब प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा, "अब भारत की संगत से भारतीय रुपए नहीं लिए जाएंगे। श्रद्धालुओं को डॉलर या पाउंड लेकर आना होगा।" यह नया नियम 14 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए पाकिस्तान जाने वाले लगभग तीन हजार भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है।

ये भी पढ़ेंः-पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं के लिए वीजा फीस की समाप्त, करतारपुर साहिब की fees पर असमंजस बरकरार

अतीत में, भारतीय श्रद्धालु अपने साथ रुपये लेकर पाकिस्तान जाते थे, जहां उन्हें भारतीय रुपए को पाकिस्तानी नोटों में आसानी से एक्सचेंज करने की सुविधा थी। हर वर्ष लगभग 7,200 भारतीय सिख श्रद्धालु अपने धार्मिक तीर्थ स्थलों का दौरा करने के लिए पाकिस्तान जाते हैं, जहां वे 10,000 से 15,000 रुपए खर्च करते हैं। अब, जब भारतीय श्रद्धालुओं को विदेशी मुद्रा का प्रबंध करना होगा, कई लोगों को यह एक नई चुनौती प्रतीत होती है। श्री ननकाना साहिब सिख यात्री जत्था के प्रधान रोबिन गिल ने भारत के विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि 13-14 नवंबर को अटारी सीमा पर एक करंसी एक्सचेंज काउंटर खोला जाए, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के डॉलर या पाउंड ले सकें।

ये भी पढ़ेंः-पाकिस्तान में ब्रिटेन-अमेरिका और कनाडा के सिख तीर्थयात्रियों को मुफ्त ऑनलाइन वीजा मिलेगा

गिल ने यह भी बताया कि इस जत्थे में शामिल अधिकांश लोग बुजुर्ग किसान हैं, जिनके लिए विदेशी मुद्रा से परिचित होना कठिन हो सकता है। अगर सरकार सीमा पर एक्सचेंज काउंटर खोले, तो श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के साथ व्यापारिक संबंधों में कमी के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने भारतीय रुपये को स्वीकार करने से इनकार किया है। इससे न केवल सिख श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि यह पाकिस्तान की आर्थिक प्रणाली की कठिनाइयों को भी उजागर करता है।  

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!