Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 09 Jan, 2025 11:54 AM
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर पाकिस्तान को प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (Major Non-NATO Ally) के रूप में मान्यता समाप्त करने का विधेयक पेश किया गया है। रिपब्लिकन कांग्रेसी एंडी बिग्स द्वारा लाए गए इस विधेयक में पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर पाकिस्तान को प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (Major Non-NATO Ally) के रूप में मान्यता समाप्त करने का विधेयक पेश किया गया है। रिपब्लिकन कांग्रेसी एंडी बिग्स द्वारा लाए गए इस विधेयक में पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें विशेष रूप से हक्कानी नेटवर्क का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी जमीन आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने।
अफगान-पाक सीमा पर समन्वय अनिवार्य
विधेयक में यह शर्त जोड़ी गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति तब तक पाकिस्तान को ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’ का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकते, जब तक पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक सैन्य अभियान नहीं चलाता। इसके साथ ही, पाकिस्तान को अफगान सरकार के साथ समन्वय करते हुए अफगान-पाक सीमा पर आतंकवादियों की आवाजाही रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
विधेयक का इतिहास
एंडी बिग्स ने इस विधेयक को पहली बार जनवरी 2019 में पेश किया था और इसके बाद इसे हर कांग्रेस सत्र में पेश किया गया है। हालांकि, अब तक इस प्रस्ताव को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। इस बार पेश किए गए विधेयक में हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्रवाई की शर्तों को प्रमुखता दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर प्रभाव
अगर यह विधेयक पारित होता है, तो पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में मान्यता मिलने से पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य सहायता और तकनीकी सहयोग प्राप्त होता है। यह प्रस्ताव इन सुविधाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।