Edited By Tanuja,Updated: 28 Nov, 2024 11:50 AM
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते हफ्ते हुई झड़पों में 100 लोगों की मौत हो चुकी है
पेशावरः पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते हफ्ते हुई झड़पों में 100 लोगों की मौत हो चुकी है और 180 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ताजा हिंसा मंगलवार को गोजाघारी, मातासानगर, और कुंज अलीजाई इलाकों में हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए और 21 घायल हो गए। कुर्रम जिले के डिप्टी कमिश्नर जावेदुल्लाह महसूद ने बताया कि दोनों समुदायों के बीच 10 दिनों का संघर्ष विराम लागू किया गया है, लेकिन इसके बावजूद हिंसा पूरी तरह थमी नहीं है। हालात को काबू में रखने के लिए पुलिस और सेना की तैनाती जारी है। सभी गुटों को अपनी पोजीशन छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है मामला ?
कुर्रम जिला लंबे समय से शिया और सुन्नी समुदायों के बीच संघर्ष का केंद्र रहा है। पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमानों की संख्या लगभग 85% है, लेकिन कुर्रम में शिया समुदाय की मजबूत उपस्थिति के कारण तनाव अक्सर बढ़ता है। हिंसा की शुरुआत शुक्रवार को पराचनार के पास हुई, जब एक यात्री वैन के काफिले पर हमले में 47 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को हुई झड़पों में 37 लोग मारे गए। हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है।
कुर्रम जिला मुख्यालय अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर मीर हसन खान ने बताया कि इलाके में सड़कों के बंद होने से दवाओं की भारी कमी हो रही है। इलाज में बाधाएं आ रही हैं, जिससे मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और बुजुर्गों के बीच कई बैठकों के बाद संघर्ष विराम लागू किया गया है, लेकिन समुदायों के बीच भरोसे की कमी के कारण झड़पें जारी हैं। इलाके में शांति बहाल करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।