Edited By Tanuja,Updated: 09 Oct, 2022 06:13 PM
पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें दिनों-दिन हावी हो रही हैं और मजहबी उन्माद में ये मुस्लिम मुल्क पिसता जा रहा है। पाकिस्तान की कट्टरपंथी प्रतिबंधित...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें दिनों-दिन हावी हो रही हैं और मजहबी उन्माद में ये मुस्लिम मुल्क पिसता जा रहा है। पाकिस्तान की कट्टरपंथी प्रतिबंधित जमात तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के एक मौलवी ने अपने अनुयायियों से अहमदी गर्भवती महिलाओं पर हमला करने का फतवा जारी किया है ताकि "यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई नया अहमदी पैदा न हो"। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें TLPपी के मौलवी मुहम्मद नईम चट्ठा कादरी अपने समर्थकों से गर्भवती अहमदी महिलाओं के खिलाफ हमले करने का आह्वान किया है ताकि "यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई नया अहमदी पैदा न हो।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि, "निन्दा करने वालों के लिए केवल एक ही सजा है, सिर काटना।" धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर एक पत्रिका बिटर विंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम उपदेशक ने कहा कि, अगर हमले सफल नहीं होते हैं, तो "जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उन्हें मार दिया जाना चाहिए"। पत्रिका में लिखते हुए इतालवी समाजशास्त्री मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने कहा कि, TLP ईसाई और अहमदियों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपने हमलों के लिए कुख्यात है। रिपोर्ट के अनुसार, कादरी ने पुलिस को टीएलपी द्वारा अहमदियों की धार्मिक सफाई में हस्तक्षेप करने के प्रयास के खिलाफ भी चेतावनी दी है।
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि, "आप में से जो पुलिस से हैं, या अगर कोई जिला पुलिस अधिकारी या उपायुक्त या पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर हैं, तो उन्हें समझना चाहिए कि हमें रोका नहीं जा सकता है।" आपको बता दें कि, 12 अगस्त को 3 साल की एक बच्ची के पिता 62 वर्षीय अहमदी पिता नसीर अहमद को अहमदी बहुल शहर रबवाह के मुख्य बस स्टॉप पर एक टीएलपी कार्यकर्ता ने चाकू मार दिया था। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र के अहमदी मुस्लिमों में खौफ पसरा हुआ है और मौलवी के फरमान के बाद इस तरह की घटनाओं में भारी इजाफा होने की आशंका है।