Edited By Tanuja,Updated: 25 May, 2024 06:15 PM
कंगाल पाकिस्तान ने दोस्त चीन के दबाव में अपना खजाना "लुटाने" का ऐलान कर दिया है। कठिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान एक आत्मघाती....
इस्लामाबादः कंगाल पाकिस्तान ने दोस्त चीन के दबाव में अपना खजाना "लुटाने" का ऐलान कर दिया है। कठिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान एक आत्मघाती हमले में मारे गए चीनी इंजीनियरों के परिजन को 72 करोड़ रुपए मुआवजा देने का फैसला किया है। प्रत्येक इंजीनियर के परिजन को 5,16,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे। बीजिंग में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास जल्द से जल्द ये रकम इनके खातों में पहुंचाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय की द इकॉनमिक कोऑर्डिनेशन कमेटी ने सद्भावना के तौर पर चाइन गेझोउबा ग्रुप के इन इंजीनियरों को ये मुआवजा देने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी वेबसाइट द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब की अध्यक्षता में एक बैठक में ये फैसला किया गया। 26 मार्च को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शांगल में चीनी नागरिकों के काफिले पर एक आत्मघाती हला हुआ था। इसमें हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार चीनी नागरिकों के काफिले में घुसा दी थी। इसमें 5 चीनी इंजीनियरों समेत एक पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि इस हमले का प्लान अफगानिस्तान में बना था और हमलावर का संबंध भी वहीं से था। हालांकि, तालिबान प्रशासन ने इससे साफ इनकार किया था। वित्त मंत्रालय ने ये भी कहा कि इस हादसे में मारे गए पाकिस्तानी ड्राइवर को 25 लाख पाकिस्तानी रुपये दिए जाएंगे। दरअसल पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले नई बात नहीं है। पाकिस्तान सरकार कई बार चीनी नागरिकों को सुरक्षा देने का वायदा कर चुका है। बावजूद उन पर हमले नहीं रुक रहे हैं। इसे लेकर चीन कई बार नाराजगी भी जता चुका है।
2013 में 9 चीनी नागिरकों की मौत के एक साल बाद पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने चीन के नागरिकों की सिक्योरिटी के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट (SPU) बनाई थी। तब इसमें 3,500 के करीब सिक्योरिटी अधिकारी थे जो कि पाक फौज से जुड़े हुए थे। अभी इसमें करीब 7 हजार सिक्योरिटी ऑफिशियल्स शामिल हैं।ये यूनिट हजारों चीनी नागरिकों को स्पेशल सिक्योरिटी मुहैया कराती है। चीनी नागरिकों में ज्यादातर वे अफसर और वर्कर्स हैं जो CPEC से जुड़े 62 बिलियन डॉलर के 4 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। हालांकि चीनी नागरिकों की सुरक्षा कर रहा ये प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ है। पिछले दो साल में पाकिस्तान में 30 चीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। यही वजह है कि चीन ने CPEC प्रोजेक्ट से जुड़े कई लोगों को वापस स्वदेश बुला लिया।
जापान के अखबार ‘निक्केई एशिया’ ने पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और उनके कारोबार पर खतरे को लेकर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन की थी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के तमाम आतंकी संगठन चीनी नागरिकों और उनके कारोबार या कंपनियों को ही निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बीते 5 साल में यहां उनकी ताकत और रसूख बहुत तेजी से बढ़ा है। कई जगहों पर तो वो स्थानीय लोगों से भी ज्यादा ताकतवर हैं। आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की वजह से उनकी कम्युनिटी या इलाकों को नुकसान हो रहा है और वो उनके कारोबार छीन रहे हैं। शुरुआती तौर पर कराची और लाहौर जैसे इलाकों में चीनी नागरिकों के कारोबार और ऑफिसों पर हमले हुए। इसके बाद उनकी कंपनियों को टारगेट किया गया।