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संसद में भड़के पाकिस्तानी नेता, कहा- पाकिस्तान के हो जाएंगे टुकड़े-टुकड़े, 1971 जैसा होगा हाल

Edited By Rahul Singh,Updated: 18 Feb, 2025 04:42 PM

pakistani leader maulana fazal ur rehman

पाकिस्तान के धार्मिक नेता और सांसद मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान को 1971 की घटना की याद दिलाई, जब पूर्वी पाकिस्तान टूटकर बांग्लादेश बन गया था। उन्होंने कहा कि अब बलूचिस्तान के पांच से सात जिले भी स्वतंत्रता की घोषणा कर सकते हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के धार्मिक नेता और सांसद मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान को 1971 की घटना की याद दिलाई, जब पूर्वी पाकिस्तान टूटकर बांग्लादेश बन गया था। उन्होंने कहा कि अब बलूचिस्तान के पांच से सात जिले भी स्वतंत्रता की घोषणा कर सकते हैं। फजलुर रहमान ने भारत-पाकिस्तान युद्ध का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति फिर से बन सकती है। उन्होंने कहा कि अगर बलूचिस्तान के जिले स्वतंत्रता की घोषणा करते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र (यूएन) उनकी स्वतंत्रता को मान्यता दे सकता है। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान की सेना पर भी आरोप लगाए और कहा कि कुछ ताकतवर लोग बंद कमरों में फैसले लेते हैं, जिन्हें सरकार को मानना पड़ता है।

हिंसा में अब तक 150 लोगों की मौत

उनका यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र कुर्रम में फिर से हिंसा भड़क गई है। यह इलाका शिया-सुन्नी संघर्ष का केंद्र रहा है। नवंबर में शुरू हुई नई हिंसा में अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। यह क्षेत्र पाकिस्तान का पहाड़ी इलाका है, जो अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। यहां भारी हथियारों से लैस लड़ाके आपस में लड़ रहे हैं और हालात बहुत खराब हैं। हालांकि, कई बार सीजफायर की कोशिश की गई, लेकिन हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।

मौलाना फजलुर रहमान ने पिछले महीने भी चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पूरी तरह से अपना नियंत्रण खो दिया है, जिसके कारण इन इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि इस संकट का समाधान निकाला जाए, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि जब शासन कमजोर होता है, तो भौगोलिक अस्थिरता पैदा होती है और पाकिस्तान की पॉलिसी से जुड़े फैसले बंद कमरों में होते हैं।

اس وقت ملکی سالمیت کا مسئلہ درپیش ہے جس پر ہم بار بار بات کر رہے ہیں،جس پر ہمارا مشاہدہ یہ ہے کہ ملکی سالمیت کی پالیسیاں ایوان اور حکومتی حلقوں میں نہیں بلکہ ماوراء سیاست و پارلیمنٹ بند کمروں میں بنائی جارہی ہیں، ہمیں ملکی سالمیت پر بات کرنے اور تجویز دینے کی اجازت بھی نہیں ہے۔… pic.twitter.com/jWHJ3mziTH

— Maulana Fazl-ur-Rehman (@MoulanaOfficial) February 17, 2025

प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा

फजलुर रहमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री से पूछें कि बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा या कबायली इलाकों में क्या हो रहा है, तो पीएम शायद यही कहेंगे कि उन्हें नहीं पता। उन्होंने बिना सेना का नाम लिए कहा कि पाकिस्तान में कोई भी सिविलियन सरकार का नियंत्रण नहीं है। पाकिस्तान में एक एस्टैब्लिशमेंट है, जो बंद कमरों में फैसले करती है और सरकार को उन फैसलों को मानना पड़ता है।

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