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इजराइल और हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीनी PM की चेतावनी-"गाजा पर सिर्फ हमारा राज, कोई और..."

Edited By Tanuja,Updated: 16 Jan, 2025 01:02 PM

palestinian authority stakes claim to run gaza govt

फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने हाल ही में यह स्पष्ट किया कि गाजा पट्टी में केवल फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) का ही शासन होना चाहिए, और किसी अन्य इकाई को इसे नियंत्रित करने का अधिकार...

International Desk: फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने हाल ही में यह स्पष्ट किया कि गाजा पट्टी में केवल फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) का ही शासन होना चाहिए, और किसी अन्य इकाई को इसे नियंत्रित करने का अधिकार नहीं दिया जाएगा। उनका यह बयान इस समय आया है जब इजराइल और हमास के बीच 15 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित संघर्ष विराम और बंधकों के आदान-प्रदान का समझौता हो सकता है। प्रधानमंत्री मुस्तफा ने बुधवार को नॉर्वे में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “जब हम संघर्ष विराम का इंतजार कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम यह स्पष्ट करें कि गाजा पट्टी में केवल वैध फिलिस्तीनी नेतृत्व और फिलिस्तीनी राज्य की सरकार का शासन होना चाहिए।”

 

मुस्तफा का संदेश
 प्रधानमंत्री मुस्तफा ने इस पर जोर दिया कि गाजा में किसी अन्य राजनीतिक इकाई या गुट को नियंत्रण नहीं सौंपा जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गाजा और पश्चिमी तट के बीच कोई और विभाजन की कोशिश की गई, तो वह इसे कड़े शब्दों में अस्वीकार करेंगे। उनका कहना था, "वेस्ट बैंक और गाजा के बीच अलगाव को मजबूत करने या कोई अंतरिम प्रशासन बनाने की कोशिश को हम बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे।" गाजा पट्टी में हमास ने 2007 में सत्ता संभाली थी, और इसके बाद से गाजा में हमास का शासन है, जबकि फिलिस्तीनी प्राधिकरण केवल पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में सीमित स्व-शासन के साथ कार्य कर रही है। हमास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के बीच लगातार संघर्ष रहा है, और फिलिस्तीनी प्राधिकरण पश्चिमी तट पर इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्र में काम करती है, जबकि गाजा में हमास का पूर्ण नियंत्रण है। इस विभाजन ने फिलिस्तीनी राजनीति को कमजोर किया है और दो राज्य समाधान के रास्ते में एक बड़ा रुकावट उत्पन्न किया है।

 


मुस्तफा ने यह भी कहा कि फिलिस्तीनी नेतृत्व को इस समय अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना संदेश मजबूती से देना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना का रास्ता केवल फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा शासित और नियंत्रित क्षेत्रों के जरिए ही संभव है। गाजा में सत्ता की अदला-बदली की कोई भी कोशिश फिलिस्तीनियों के हित में नहीं होगी। मुस्तफा का यह बयान फिलिस्तीनी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत है, क्योंकि फिलिस्तीनी प्राधिकरण की स्थिरता और एकता फिलिस्तीनी राज्य के गठन की कुंजी मानी जाती है।

 

 इजराइल-हमास युद्ध 
इजराइल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास के लड़ाकों ने अचानक इजराइल के दक्षिणी हिस्सों में हमला किया। इस हमले में करीब 1,200 इजराइली नागरिकों की हत्या कर दी गई थी और 250 से अधिक लोगों को अपहरण कर लिया गया था। इस हमले के बाद, इजराइल ने गाजा में हमास के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया, जो अब तक जारी है। इस युद्ध में भारी तबाही हुई है और कई सौ लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं। फिलिस्तीनी और इजराइली नागरिकों की जानें गई हैं, और गाजा में जीवन संकटपूर्ण हो गया है। 

 

अमेरिका का रुख 
अमेरिका ने हमेशा से फिलिस्तीनी प्राधिकरण के लिए गाजा और पश्चिमी तट दोनों पर शासन करने की उम्मीद जताई है, ताकि भविष्य में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना हो सके। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण को गाजा पट्टी में फिर से स्थापित किया जाना चाहिए, जिससे दोनों क्षेत्रों में स्थिरता आ सके। वहीं, इजराइल सरकार ने इस प्रस्ताव का हमेशा विरोध किया है और गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की पुनर्स्थापना को मुश्किल मानती है। 


  संघर्ष विराम और बंधक समझौता 
वर्तमान में, इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम की बातचीत चल रही है, जिसमें बंधकों के आदान-प्रदान की भी चर्चा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि समझौते के लिए एक बड़ा अवसर सामने आ सकता है, जिससे युद्ध को समाप्त किया जा सकता है और बंधकों को रिहा किया जा सकता है। हालांकि, इस समझौते को लागू करने में कई राजनीतिक और सैन्य बाधाएं हैं, और यह देखना होगा कि क्या यह समझौता लागू हो पाता है।



इजराइल और हमास के बीच युद्ध का असर  
इजराइल और हमास के बीच युद्ध ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। युद्ध में दोनों पक्षों ने भारी नुकसान उठाया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संघर्ष विराम की बार-बार अपील की है। फिलिस्तीनी क्षेत्र में हो रहे अत्याचारों और इजराइल की सैन्य कार्रवाई ने वैश्विक स्तर पर चिंताएं उत्पन्न की हैं। 
 

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