mahakumb

पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक: हमले में बचे यात्रियों ने सुनाई खौफनाक आपबीती, बोले- "कयामत का दिन था"

Edited By Tanuja,Updated: 12 Mar, 2025 06:23 PM

passengers describe  doomsday scenes  on hijacked train

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को  जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए भीषण आतंकवादी हमले ने यात्रियों को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में बचाए गए ...

Islamabad: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को  जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए भीषण आतंकवादी हमले ने यात्रियों को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में बचाए गए यात्री मुश्ताक मोहम्मद ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, "हमले के उस खौफनाक मंजर को मैं कभी नहीं भूल सकता।" सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने  कम से कम 30 आतंकवादियों को मार गिराया और 190 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया । इस दौरान 37 यात्री घायल हो गए  जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।  

 

यह ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी और नौ डिब्बों में करीब 500 यात्री सवार थे। जब यह ट्रेन  बोलान क्षेत्र में पीरू कुनरी और गुदलार के पहाड़ी इलाकों में पहुंची तो सशस्त्र आतंकियों ने इसे घेर लिया। बलूच अलगाववादी संगठन  'बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी' (BLA)  ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। कुछ यात्रियों के अनुसार, हमलावरों ने बलूच नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को छोड़ने की बात कही, लेकिन सरकारी अधिकारियों का दावा है कि 100 से अधिक लोगों को बचाया गया।

 

यात्रियों की दहशतभरी आपबीती  
बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन के डिब्बा संख्या 3 में सवार मुश्ताक मोहम्मद  ने कहा, "हमले की शुरुआत में एक जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे ट्रेन में अफरातफरी मच गई। इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई, जो करीब एक घंटे तक चलती रही। यह ऐसा मंजर था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।" डिब्बा संख्या  7 में सफर कर रहे इशाक नूर जो अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ क्वेटा से रावलपिंडी जा रहे थे, ने बताया, "धमाका इतना तेज था कि ट्रेन की खिड़कियां और दरवाजे हिल गए। मेरे पास बैठा बच्चा नीचे गिर गया। गोलीबारी लगभग 50 मिनट तक चलती रही। हम सांस तक नहीं ले पा रहे थे, हमें नहीं पता था कि हमारे साथ क्या होगा।"  

 

आतंकियों ने की पहचान पत्रों की जांच 
मुश्ताक ने आगे बताया कि  गोलीबारी रुकने के बाद आतंकी डिब्बों में घुस आए और यात्रियों के पहचान पत्र चेक करने लगे । उन्होंने कहा,"तीन आतंकी हमारे डिब्बे के दरवाजों पर पहरा दे रहे थे। वे लोगों से कह रहे थे कि आम नागरिकों, महिलाओं, बुजुर्गों और बलूच लोगों को कुछ नहीं होगा।" इशाक नूर ने बताया कि **कम से कम 11 यात्रियों को आतंकियों ने  यह कहते हुए जबरदस्ती ट्रेन से नीचे उतारा कि वे सुरक्षाकर्मी हैं। "एक व्यक्ति ने विरोध करने की कोशिश की, तो उसे प्रताड़ित किया गया और फिर गोलियों की आवाज आई। इसके बाद हम सभी खौफ में चुप हो गए और उनके आदेशों का पालन करने लगे।"_

 

हमने कयामत का दिन देखा
एक अन्य यात्री मोहम्मद अशरफ ने कहा, "आतंकियों ने बुजुर्गों, नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया, लेकिन यात्रियों के चेहरों पर डर साफ झलक रहा था। यह कयामत के दिन जैसा खौफनाक मंजर था।" अशरफ ने दावा किया,  "मेरे अनुमान से आतंकियों की संख्या करीब 1,100 थी और वे करीब 250 यात्रियों को अपने साथ ले गए।"  बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है, और बलूच राष्ट्रवादी संगठन पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ हमलों को अंजाम देते रहे हैं। यह हमला इसी संघर्ष का ताजा उदाहरण है, जिसने पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!