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ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ America में छिड़ा विरोध, लगे 'ट्रंप-मस्क गो बैक' के नारे

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 07 Apr, 2025 04:03 PM

protests broke out in america against trump s tariff policy

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद से ही दुनिया भर में हड़कंप मच गया है और अब यह विरोध अमेरिका के भीतर भी तेज हो गया है। ट्रंप के द्वारा अन्य देशों पर टैरिफ लगाने के बाद से न सिर्फ विदेशी नागरिक बल्कि अब अमेरिकी नागरिक और नेता भी...

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद से ही दुनिया भर में हड़कंप मच गया है और अब यह विरोध अमेरिका के भीतर भी तेज हो गया है। ट्रंप के द्वारा अन्य देशों पर टैरिफ लगाने के बाद से न सिर्फ विदेशी नागरिक बल्कि अब अमेरिकी नागरिक और नेता भी इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। अमेरिका के 50 राज्यों में ट्रंप की टैरिफ नीति के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं जिसमें लोग 'ट्रंप-मस्क गो बैक' के नारे लगा रहे हैं।

क्या है विरोध की वजह?

ट्रंप के खिलाफ यह विरोध उनकी टैरिफ नीति के कारण हो रहे छटनी, आर्थिक मंदी और मानवाधिकार उल्लंघन जैसे मुद्दों पर हो रहा है। पहले जहां ट्रंप के दूसरे बार राष्ट्रपति बनने पर अमेरिकी जनता ने जश्न मनाया था वहीं अब सिविल राइट्स ग्रुप्स, श्रमिक संघ, एलजीबीटीक्यू समुदाय और महिला अधिकार संगठन ट्रंप की नीतियों का विरोध करने सड़कों पर उतरे हैं।

1200 से ज्यादा स्थानों पर प्रदर्शन

शनिवार, 6 अप्रैल को ट्रंप के खिलाफ 1200 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। 5 अप्रैल को "हैंड्स ऑफ" प्रोटेस्ट शुरू हुआ था जो ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ था। प्रदर्शनकारियों ने खासकर छंटनी और सामूहिक डिपोर्टेशन की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया। वाशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल से लेकर मैनहैटन और बॉस्टन तक प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क के खिलाफ नारे लगाए और "कुलीनतंत्र से लड़ो" (Fight The Oligarchy) जैसे नारे लगाए।

 

 

 

 

रविवार को 1400 से अधिक रैलियां

रविवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा और 1400 से अधिक रैलियां आयोजित की गईं। इस दिन की रैली का नाम "हैंड्स-ऑन" रखा गया। रैली में 6 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। "हैंड्स-ऑन" का मतलब था "हमारे अधिकारों से दूर रहो"।

प्रदर्शनकारियों का मुंह पर पट्टी बांधना

प्रदर्शनकारियों ने मुंह पर सांकेतिक पट्टी बांध रखी थी जो एक तरह से ट्रंप के शासन में हो रहे दमन और स्वतंत्रता के हनन का प्रतीक था। इन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रंप का शासन देश को एक खतरनाक दिशा में ले जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रदर्शन 2020 में हुए ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के बाद ट्रंप के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन हो सकता है।

टैरिफ से अमेरिका को क्या नुकसान हो रहा है?

ट्रंप के टैरिफ लगाने से अमेरिका को कई तरह के नुकसान हो रहे हैं। नाराज अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि ट्रंप अपनी नीतियों के जरिए रूस जैसे देशों के हित में काम कर रहे हैं जबकि अमेरिका को नुकसान हो रहा है। उनके अनुसार टैरिफ अमेरिका के लिए एक खतरा है क्योंकि यह दूसरे देशों को अमेरिका में सामान बेचने के लिए टैक्स देने को मजबूर करता है जिसके कारण विदेशी सामान महंगे हो जाते हैं। इसका सीधा असर अमेरिकी मिडिल क्लास पर पड़ता है जिनके बजट पर दबाव बनता है।

अमेरिकी नागरिकों के लिए एक और बड़ी चिंता यह है कि उनका देश दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है। इसका मतलब है कि अमेरिका अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भर है। चाहे वह खाने-पीने का सामान, गाड़ियां, दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, मेटल्स या कुछ और हो ये सारी चीजें अमेरिका में विदेशों से आती हैं। इस प्रकार अगर टैरिफ बढ़ते हैं तो यह अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए महंगा पड़ सकता है और उनका जीवन स्तर प्रभावित हो सकता है।

वहीं ट्रंप की टैरिफ नीति ने न केवल अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित किया है बल्कि यह अब अमेरिकी नागरिकों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। प्रदर्शन और विरोध इस बात का संकेत हैं कि जनता इस नीति से संतुष्ट नहीं है और वे ट्रंप के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह संघर्ष यह स्पष्ट करता है कि ट्रंप के लिए एक नए राष्ट्रपति चुनाव की राह मुश्किल हो सकती है खासकर जब उनके विरोध में इतनी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर हैं।

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