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'Hands Off America' की गूंज से थर्राया अमेरिका, ट्रंप और मस्क के खिलाफ फूटा जन आक्रोश

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Apr, 2025 04:00 PM

public outrage erupts against trump and musk in america

अमेरिका में इन दिनों "Hands Off" आंदोलन की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। देश के 50 राज्यों में फैले 1200 से अधिक स्थानों पर हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का निशाना सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं बल्कि...

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका में इन दिनों "Hands Off" आंदोलन की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। देश के 50 राज्यों में फैले 1200 से अधिक स्थानों पर हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का निशाना सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं बल्कि अरबपति उद्योगपति एलन मस्क भी बने हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रंप की नीतियां देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, नागरिक अधिकारों और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर चोट कर रही हैं।

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क्यों छिड़ा Hands Off आंदोलन?

"Hands Off" आंदोलन की शुरुआत अमेरिकी जनता के भीतर पल रहे उस गुस्से का परिणाम है, जो अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है। लोगों का कहना है कि ट्रंप और एलन मस्क जैसे प्रभावशाली लोग अपने फैसलों से आम नागरिकों के अधिकारों, सुरक्षा और स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का साफ कहना है कि वे ऐसा अमेरिका नहीं चाहते जहां किताबों पर प्रतिबंध लगे, स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती हो और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को अपराधी जैसा देखा जाए।

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देशभर में दिखा जबरदस्त विरोध

न्यूयॉर्क के मिडटाउन मैनहट्टन से लेकर अलास्का के एंकोरेज तक, देश के लगभग हर कोने में लोग सड़कों पर उतरे। लॉस एंजिल्स और पोर्टलैंड में हजारों लोगों ने "Hands Off" के बैनर और पोस्टर लिए मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने सिटी हॉल से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक पैदल मार्च कर अपना विरोध जताया।
 


प्रदर्शन में कौन-कौन शामिल रहा?

इस आंदोलन में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:

  • नागरिक अधिकार संगठन

  • श्रमिक यूनियन

  • LGBTQ+ समुदाय के प्रतिनिधि

  • दिग्गज पूर्व सैनिक

  • चुनाव से जुड़े कार्यकर्ता

सभी ने एक सुर में कहा कि यह लड़ाई केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत हकों की रक्षा की लड़ाई है।

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प्रदर्शन का मुद्दा क्या है?

लोगों का गुस्सा कई फैसलों को लेकर है, जिनमें शामिल हैं:

  • किताबों पर प्रतिबंध

  • HIV रोकथाम फंड में कटौती

  • सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में हस्तक्षेप

  • इमिग्रेशन नीतियों में सख्ती

  • मस्क द्वारा टेक इंडस्ट्री में श्रमिक अधिकारों की अनदेखी

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ये नीतियां अमेरिका को एक ऐसे रास्ते पर ले जा रही हैं जहां न समानता है न सुरक्षा और न ही स्वतंत्रता।

शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन

हालांकि विरोध तेज और व्यापक था, फिर भी यह शांतिपूर्ण रहा। फिलहाल किसी भी गिरफ्तारी की जानकारी सामने नहीं आई है। आयोजकों ने बताया कि उनका उद्देश्य सरकार और पॉलिसी मेकर्स तक स्पष्ट संदेश पहुंचाना है कि अमेरिका की जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से समझौता नहीं करेगी।

मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

मानवाधिकार अभियान के प्रमुख केली रॉबिन्सन ने कहा, “यह सिर्फ विरोध नहीं है, यह बदलाव की मांग है। हमें एक ऐसा अमेरिका चाहिए जहां हर नागरिक के साथ सम्मान और बराबरी का व्यवहार हो। यह आंदोलन सिर्फ ट्रंप या मस्क के खिलाफ नहीं, बल्कि उस सोच के खिलाफ है जो समाज को बांटती है और डर में जीने को मजबूर करती है।”

क्या आगे बढ़ेगा आंदोलन?

"Hands Off" आंदोलन अभी शुरुआत है। आयोजकों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में विरोध तेज हो सकता है। कई प्रदर्शनकारी इसे एक बड़े सामाजिक बदलाव की पहली लहर बता रहे हैं, जो अमेरिका की राजनीति और समाज दोनों को प्रभावित कर सकती है।

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