Edited By Tanuja,Updated: 26 Dec, 2024 01:48 PM
![punjab police s investigations into terror module lead to british sikh soldier](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_12image_13_39_563828928britishsoliderjagjitsi-ll.jpg)
पंजाब के एक छोटे से गांव से ब्रिटेन तक पहुंचे और ब्रिटिश आर्मी में सोल्जर के रूप में सेवाएं देने वाले जगजीत सिंह अब पंजाब पुलिस के द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं....
London: पंजाब के एक छोटे से गांव से ब्रिटेन तक पहुंचे और ब्रिटिश आर्मी में सोल्जर के रूप में सेवाएं देने वाले जगजीत सिंह अब पंजाब पुलिस के द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। हालांकि उनका परिवार उनसे नाता तोड़ चुका है, जब उन्होंने अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ लव मैरिज की थी। उनके पिता, जोगिंदर सिंह, जो भारतीय सेना से रिटायर सूबेदार हैं, इन आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि एक सेना में कार्यरत व्यक्ति के पास आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का समय नहीं होता। जगजीत सिंह ने 2010 में ब्रिटेन का रुख किया और 2011 में ब्रिटिश आर्मी में भर्ती हो गए। उनके पिता के अनुसार, जगजीत ने अफगानिस्तान, इराक और केन्या जैसे संघर्ष क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं, जहां उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों में भाग लिया।
इस दौरान उनके परिवार को गर्व था कि उनका बेटा देश की सेवा कर रहा है। लेकिन, 2016 में जब उन्होंने परिवार की इच्छा के खिलाफ एक लड़की से शादी की, तो उनके माता-पिता ने उनसे संबंध तोड़ लिया। परिवार का मानना था कि यह शादी परंपराओं और पारिवारिक मूल्यों के खिलाफ थी। इसके बाद, उनके परिवार ने न केवल उनसे संपर्क तोड़ लिया, बल्कि उन्हें संपत्ति के अधिकारों से भी वंचित कर दिया। इस समय, उनके पिता जोगिंदर सिंह ने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि उन्होंने जो किया, वह उनका व्यक्तिगत निर्णय था, और यह परिवार के विचारों के खिलाफ था। हालांकि, उनकी मां, बालविंदर कौर, अब भी कभी-कभी उनसे संपर्क करती हैं और उनके स्वास्थ्य व भलाई के बारे में पूछताछ करती हैं।
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पंजाब पुलिस का आरोप है कि जगजीत सिंह, जिन्हें 'फतेह सिंह बागी' के नाम से भी जाना जाता है, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के लिए काम करते थे और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे। पुलिस का दावा है कि उन्होंने बाबर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और KZF जैसे आतंकवादी संगठनों से संपर्क किया और उनके लिए काम किया। इसके अतिरिक्त, पुलिस ने यह भी कहा कि जगजीत सिंह ने 'अकालजोत खालिस्तान फोर्स' नामक एक कट्टरपंथी गुट की स्थापना की, जो खालिस्तान की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था। हालांकि, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि उनके रिकॉर्ड में 'फतेह सिंह बागी' नामक किसी व्यक्ति का कोई उल्लेख नहीं है, जो ब्रिटिश आर्मी में भर्ती हुआ हो। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को ब्रिटिश आर्मी में भर्ती किया जाता है, तो उसके बारे में सभी जानकारी उनके रिकॉर्ड में दर्ज रहती है, और उनके पास ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है जो इस नाम के किसी व्यक्ति से संबंधित हो।
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जोगिंदर सिंह, जगजीत के पिता, इस आरोप को सिरे से नकारते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को पाला है और उन्हें पूरी तरह से यकीन है कि उनका बेटा ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता। वह यह भी बताते हैं कि पांच साल पहले पंजाब पुलिस ने उनके परिवार से संपर्क किया था, लेकिन हाल ही में किसी पुलिस अधिकारी ने उनसे कोई जानकारी नहीं ली। जोगिंदर का कहना है कि वे अन्य युवाओं से भी जानकारी प्राप्त करते रहते हैं जो ब्रिटिश सेना में कार्यरत हैं, और सभी बताते हैं कि जगजीत के बारे में ऐसा कोई भी संदिग्ध सूचना नहीं है। पंजाब पुलिस का कहना है कि उनके पास इस मामले में ठोस सबूत हैं और वे इसे औपचारिक चैनलों के माध्यम से ब्रिटिश अधिकारियों के सामने उठाएंगे। पंजाब पुलिस का यह दावा है कि उन्हें गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों से इस मामले में जानकारी प्राप्त हुई है, जो इस गुट और जगजीत सिंह के संबंधों को साबित करती है।
इस पूरे मामले ने जगजीत के परिवार और उनके करियर को एक जटिल मोड़ पर ला खड़ा किया है। जहां एक ओर उनका परिवार इन आरोपों को खारिज कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पंजाब पुलिस के पास इस मामले को लेकर ठोस प्रमाण होने का दावा है। अब यह देखना होगा कि ब्रिटिश अधिकारियों के साथ औपचारिक बातचीत के बाद क्या कदम उठाए जाते हैं और इस मामले की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। यह मामला जगजीत सिंह के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो उनके भविष्य और उनके करियर को प्रभावित कर सकता है।