Edited By Tanuja,Updated: 18 May, 2024 01:55 PM
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को चीन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया। इस...
बीजिंगः रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को चीन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया। इस यात्रा की शुरुआत बीजिंग के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों की मजबूती को रेखांकित करते हुए चीन के नेता शी जिनपिंग के साथ शिखर सम्मेलन से हुई। इस शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच 'असीमित' साझेदारी को भी दोहराया गया जो पश्चिमी देशों के साथ उनके बढ़ते तनाव के बीच गहरी हो रही है। पुतिन उत्तरपूर्वी शहर हार्बिन में 'चीन-रूस एक्सपो' में भाग लेंगे और 'हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी' में छात्रों से मिलेंगे।
हार्बिन चीन के हेलोंगशियान प्रांत की राजधानी है जहां किसी समय बड़ी संख्या में रूसी प्रवासी रहते थे। यद्यपि पुतिन की यात्रा प्रतीकात्मक अधिक है और इसमें ठोस प्रस्ताव कम हैं, फिर भी दोनों देश एक स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के हूवर इंस्टीट्यूट के रिसर्च फैलो जोसेफ टोरीगियन ने कहा कि इस समय वे पश्चिम को बता रहे हैं कि वे जब चाहें तब एक दूसरे के साथ खड़े हो सकते हैं। बृहस्पतिवार को शिखर सम्मेलन में पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए चीन के प्रस्तावों के लिए शी को धन्यवाद दिया जबकि शी ने कहा कि चीन यूरोप में जल्द शांति और स्थिरता लौटने की उम्मीद करता है और वह इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा। उन्होंने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य गठजोड़ की तैनाती की आलोचना की।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण के कारण विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ गए हैं। चीन के अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं । उसे रूस को हथियार उत्पादन के लिए आवश्यक प्रमुख घटकों की आपूर्ति जारी रखने को लेकर दबाव का सामना करना पड़ रहा है। रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस चीन पर अधिक निर्भर हो गया है क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों से वह दबाव में है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 240 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया क्योंकि चीन ने अपने पड़ोसी को पश्चिमी प्रतिबंधों से निपटने में मदद की है। यूरोपीय नेताओं ने चीन पर दबाव डाला है कि वह रूस से यूक्रेन पर आक्रमण समाप्त करने के लिए कहे। हालांकि इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ है।