Edited By Tanuja,Updated: 24 Nov, 2024 01:03 PM
तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच लगता है रूस ने यूक्रेन का नामो निशान मिटाने की तैयारी तेज कर दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल...
International Desk: तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच लगता है रूस ने यूक्रेन का नामो निशान मिटाने की तैयारी तेज कर दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल "ओरेश्निक" के सफल प्रदर्शन के बाद मिसाइल उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का आदेश दिया है। उन्होंने इस मिसाइल की सराहना करते हुए कहा कि यह दुनिया में सबसे उन्नत तकनीक है, जिसे कोई भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम पकड़ने में असमर्थ है। इसकी गति 10 मैक से अधिक है, जो इसे और भी घातक बनाती है। पुतिन ने कहा कि रूस की संप्रभुता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए हथियारों के जखीरे को बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान में दुनिया में किसी भी देश के पास इस स्तर की तकनीक नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि अन्य देश भी इसे विकसित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन फिलहाल यह रूस की ताकत का परिचायक है।
पश्चिमी देशों की लंबी दूरी की मिसाइलों के हमलों के जवाब में रूस ने डेनिप्रो शहर पर अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया। इस हमले के बाद यूक्रेन ने दावा किया कि रूस ने अंतरमहाद्वीपीय हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग किया है। हालांकि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने इस दावे को खारिज कर दिया था। बाद में पुतिन ने स्वयं इस मिसाइल का प्रदर्शन और उसके परिणामों की पुष्टि की। पुतिन ने अपने सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक में कहा कि रूस पर लगातार खतरा बना हुआ है, इसलिए हथियारों का उत्पादन 10 गुना बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युद्ध की किसी भी परिस्थिति के लिए हमें तैयार रहना होगा। इस संदर्भ में रूस अपनी हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण जारी रखेगा।
पुतिन ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी जमीन पर पश्चिमी हथियारों से हमले किए जा रहे हैं। ऐसे में रूस भी पश्चिमी देशों पर हमला करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। यूक्रेन-रूस संघर्ष के शुरुआती दौर में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को रूसी जमीन पर हमले की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देकर रूस को चेतावनी दी है। पुतिन के इस कदम ने वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है, जिससे यूक्रेन-रूस संघर्ष के और तेज होने की संभावना है।