Edited By Tanuja,Updated: 08 Mar, 2025 03:42 PM

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें मैक्रों ने रूस को न सिर्फ यूक्रेन, बल्कि पूरे यूरोप और अमेरिका के लिए खतरा...
International Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें मैक्रों ने रूस को न सिर्फ यूक्रेन, बल्कि पूरे यूरोप और अमेरिका के लिए खतरा बताया था। पुतिन ने गुरुवार को बिना मैक्रों का नाम लिए उन्हें चेतावनी दी, कहकर कि "कुछ लोग भूल गए हैं कि नेपोलियन का क्या हुआ था।" पुतिन का यह बयान मैक्रों के उस बयान पर था, जिसमें उन्होंने रूस को यूरोप के लिए एक गंभीर खतरा करार दिया और अमेरिका से रूस से अलग होने का आग्रह किया था।
ये भी पढ़ेंः-फ्रांस-सेनेगल सैन्य संबंधों का END: फ्रैंच आर्मी की वापसी शुरू, 2 प्रमुख मिलिट्री अड्डों का नियंत्रण सौंपा
पुतिन ने कहा, "यूरोप में कुछ लोग अब भी नेपोलियन की तरह 19वीं सदी की सोच अपना रहे हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि नेपोलियन का क्या अंजाम हुआ था।" पुतिन का यह बयान 1812 में नेपोलियन द्वारा रूस पर आक्रमण के संदर्भ में था, जब भारी सर्दी की वजह से उसे हार का सामना करना पड़ा और उसे वापस लौटना पड़ा। पुतिन ने यह संकेत दिया कि यूरोप को किसी भी अविवेकपूर्ण कदम से बचना चाहिए, क्योंकि इतिहास ने यह सिद्ध कर दिया है कि रूस से टकराने की कीमत बहुत बड़ी हो सकती है।
मैक्रों ने क्या कहा था?
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में कहा था कि रूस केवल यूक्रेन के लिए नहीं, बल्कि पूरे यूरोप और उसके बाद अमेरिका के लिए भी खतरा है। उन्होंने कहा था कि यूरोप को रूस से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका से अलग होकर अपनी स्वयं की न्यूक्लियर शील्ड (परमाणु सुरक्षा) के तहत आना चाहिए। साथ ही, मैक्रों ने यूरोपीय देशों को शांति की दिशा में काम करने और यूक्रेन में शांति सेना भेजने की बात की थी।
रूस की प्रतिक्रिया
पुतिन के बयान से पहले, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी मैक्रों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि मैक्रों का परमाणु नीति पर बयान रूस के लिए एक गंभीर खतरा प्रस्तुत करता है। लावरोव ने कहा कि इस बयान में परमाणु युद्ध की धमकी छिपी हुई है, जो यूरोप के लिए एक नई चिंता का कारण बन सकती है। फ्रांस की परमाणु सुरक्षा की पहल अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चुनौती बन सकती है, जिससे फ्रांस और उसके सहयोगियों को नुकसान हो सकता है। इस प्रकार, पुतिन और मैक्रों के बीच टकराव अब और गहरा हो गया है, और यह संभव है कि भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव आए।