Edited By Tanuja,Updated: 22 Apr, 2025 03:07 PM
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के साथ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी समझौते को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह समझौता रूस और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों
International Desk: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के साथ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी समझौते को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह समझौता रूस और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई मजबूती प्रदान करेगा और भविष्य में संयुक्त वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।यह समझौता जनवरी 2025 में उस समय हुआ था, जब ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने मास्को का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच कई दौर की वार्ता हुई, जिसके परिणामस्वरूप यह **व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौता अस्तित्व में आया।
क्रेमलिन प्रेस के अनुसार यह समझौता निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों को कवर करता है:
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर समन्वय और रणनीतिक संवाद
- शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के विकास में साझेदारी
- एकतरफा प्रतिबंधों (जैसे अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए) के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग और रणनीतिक संतुलन बनाए रखना
- ऊर्जा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यापार और रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग
क्यों है यह समझौता खास
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है, ऐसे में ईरान जैसा रणनीतिक साझेदार उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दूसरी ओर, ईरान को भी पश्चिमी प्रतिबंधों से निपटने के लिए एक मजबूत सहयोगी की आवश्यकता है। दोनों देश पश्चिम के वर्चस्व** को चुनौती देने के पक्षधर हैं और यह समझौता उनकी इस साझा सोच को मजबूती देता है।हालांकि यह समझौता द्विपक्षीय सहयोग को बहुत गहराई तक लेकर जाता है इसमें यह प्रावधान नहीं है कि यदि किसी एक देश पर कोई तीसरा देश हमला करता है तो दूसरा देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा। यानी यह कोई सैन्य गठबंधन जैसा नहीं है, बल्कि रणनीतिक भागीदारी पर केंद्रित एक दीर्घकालिक समझौता है।