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इजरायली सेना ने असद के भागते ही सीरिया में मचाई तबाही; गोलान हाइट्स पर किया कब्जा, भड़क गए मुस्लिम देश

Edited By Tanuja,Updated: 10 Dec, 2024 11:50 AM

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इजरायल और सीरिया के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। 50 साल बाद इजरायली सेना ने सीरिया के अंदर घुसपैठ की है और गोलान हाइट्स पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया ....:

International Desk: इजरायल और सीरिया के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। 50 साल बाद इजरायली सेना ने सीरिया के अंदर घुसपैठ की है और गोलान हाइट्स पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। इजरायली टैंक अब सीरिया की राजधानी दमिश्क के नजदीक देखे जा रहे हैं।  इस कदम ने पूरे मुस्लिम विश्व को भड़का दिया है, और सऊदी अरब, कतर, और इराक जैसे देशों ने इजरायल की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। इजरायल का यह कदम मध्य पूर्व में बड़े तनाव का कारण बन सकता है। मुस्लिम देश इस कार्रवाई के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर हालात और बिगड़ सकते हैं।  

 

सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियार फैक्ट्रियों पर हमले
ईरान और रूस के प्रभाव वाले सीरिया में अलकायदा से जुड़े सुन्नी विद्रोही गुट एचटीएस ने नियंत्रण स्थापित कर लिया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद रूस भाग गए हैं। इस बीच, अमेरिकी बॉम्‍बर्स ने इज़रायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियारों की फैक्ट्रियों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं, जिससे वे पूरी तरह नष्ट हो गए। अमेरिका और इज़रायल को आशंका थी कि ये हथियार विद्रोहियों के हाथ लग सकते हैं। इजरायली सेना ने भी जमीन पर कार्रवाई करते हुए पहली बार 1974 की संधि के बाद सीरिया में प्रवेश किया है। उन्होंने गोलान हाइट्स के पास 10 किलोमीटर अंदर सीरियाई क्षेत्र में कब्जा कर एक बफर जोन बना लिया है। इजरायल का कहना है कि यह कदम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अस्थायी रूप से उठाया गया है। रविवार को इज़रायली सेना ने गोलान हाइट्स के क्षेत्र में एक बफर जोन स्थापित किया है।इस घटनाक्रम से असद शासन और ईरान के प्रभाव का अंत हो गया है। इससे इज़रायल को एक रणनीतिक लाभ मिला है, क्योंकि अब ईरान सीरिया के रास्ते लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार नहीं भेज सकेगा।


 
50 साल बाद गोलान हाइट्स को सीरिया से अलग किया
इजरायली सेना ने 50 साल बाद गोलान हाइट्स को सीरिया से अलग कर दिया। इसके बाद मुस्लिम देशों सऊदी अरब, कतर और इराक ने इस कदम को "खतरनाक" बताते हुए इसकी निंदा की है। बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस भाग जाने के बाद तुर्की समर्थित विद्रोहियों ने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।   इजरायली सेना ने गोलान हाइट्स पर कब्जा करने के साथ-साथ सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब तक अपने टैंक तैनात कर दिए हैं।   प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे "रणनीतिक सुरक्षा कदम" बताया और गोलान हाइट्स को "अनंत काल तक इजरायल के नियंत्रण में रहने वाला क्षेत्र" घोषित किया।  

 

मुस्लिम देशों की प्रतिक्रियाएं 

कतर:  
कतर ने इजरायल के इस कदम को सीरिया की संप्रभुता पर खुला हमला और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया।  कतर ने चेतावनी दी कि यह कदम क्षेत्र में हिंसा और तनाव को और बढ़ाएगा।  

 सऊदी अरब: सऊदी अरब ने इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाया। सऊदी अरब ने  गोलान हाइट्स को "अरब क्षेत्र" बताते हुए विश्व समुदाय से इजरायली कदम की निंदा करने की मांग की।  

इराक:  इराक ने इजरायल की इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों का बड़ा उल्लंघन बताया  और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हस्तक्षेप करने की अपील की।  

 

 सीरिया और इजरायल का इतिहास 
 1967 का युद्ध: इजरायल ने गोलान हाइट्स पर कब्जा किया।  
 1974 का समझौता:  इजरायल और सीरिया के बीच संघर्षविराम हुआ और बफर जोन बना।  
 अब की स्थिति: बशर अल-असद के हटने के बाद इजरायल ने इस क्षेत्र को सीरिया से पूरी तरह काटकर अपने नियंत्रण में ले लिया।  

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