Edited By Tanuja,Updated: 14 Nov, 2024 12:19 PM
अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी द्वारा दक्षिण डकोटा के सीनेटर जॉन थून को नया नेता चुनना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है, खासकर तब जब आने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ...
Washington:अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party) द्वारा दक्षिण डकोटा के सीनेटर जॉन थून(John Thune) को नया नेता चुनना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है, खासकर तब जब आने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन के लिए सीनेट की भूमिका और प्राथमिकताओं का निर्धारण हो रहा है। इस चुनाव में थून ने टेक्सास के अनुभवी सीनेटर जॉन कॉर्निन को हरा दिया, और फ्लोरिडा (Florida) के सीनेटर रिक स्कॉट, जो ट्रंप के प्रमुख समर्थक माने जाते हैं, को भी पीछे छोड़ दिया।
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रिक स्कॉट, जो पूर्व फ्लोरिडा गवर्नर हैं और ट्रंप के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं, को ट्रंप समर्थकों का पसंदीदा उम्मीदवार माना जा रहा था। उन्होंने ट्रंप के सभी प्रमुख नीतिगत एजेंडों को समर्थन देने का वादा किया था और उम्मीद जताई जा रही थी कि यदि वे नेता बनते हैं, तो ट्रंप का प्रभाव सीनेट में बढ़ जाएगा। हालांकि, ट्रंप ने स्कॉट की अलोकप्रियता को भांपते हुए उन्हें खुला समर्थन देने से बचा।
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सीनेट का स्वतंत्र रुख
सीनेट, जो अपने स्वतंत्र और संरचनात्मक अधिकार को प्राथमिकता देती है, इस चुनाव में अपने पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने की ओर झुकी नजर आई। जॉन थून को सीनेट का एक पारंपरिक रिपब्लिकन नेता माना जाता है, और वे पुराने नेता मिच मैककोनेल के करीबी हैं, जिनका लंबे समय से सीनेट पर गहरा प्रभाव रहा है। यह चुनाव इस बात का संकेत भी है कि रिपब्लिकन पार्टी के कई सदस्य ट्रंप के प्रभाव को सीनेट में सीमित रखना चाहते हैं और एक अधिक स्वतंत्र दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं। जॉन थून सीनेट में एक अनुभवी नेता हैं और वे रिपब्लिकन पार्टी के भीतर परंपरावादी विंग के महत्वपूर्ण सदस्य माने जाते हैं। उनकी जीत से संकेत मिलता है कि पार्टी में अब भी परंपरावादी दृष्टिकोण का प्रभाव है और वे एक स्थिर नेतृत्व में विश्वास रखते हैं, जो अत्यधिक पक्षपातपूर्ण नीतियों से दूर रहे।
ट्रंप के समर्थकों का असंतोष
थून और कॉर्निन के खिलाफ ट्रंप के समर्थकों ने मजबूत अभियान चलाया। वे सीनेटरों पर व्यक्तिगत दबाव बना रहे थे ताकि ट्रंप समर्थित रिक स्कॉट को जीत मिल सके, लेकिन यह रणनीति उल्टी पड़ गई और कई सीनेटर इस दबाव से नाराज हुए।इस चुनाव का परिणाम दर्शाता है कि रिपब्लिकन पार्टी का एक बड़ा हिस्सा ट्रंप के अत्यधिक प्रभाव को संतुलित करना चाहता है। थून का नेतृत्व इस बात का संकेत हो सकता है कि पार्टी अगले कुछ वर्षों में किस प्रकार के फैसले लेगी और सीनेट में ट्रंप के प्रभाव को किस हद तक नियंत्रित रखा जाएगा।