Edited By Yaspal,Updated: 01 Oct, 2024 05:16 PM
यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और रूस की सेना में तनाव काफी बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका के कनाडा से सटे अलास्का राज्य के पास समुद्र में रूसी सुखोई-35 लड़ाकू विमान बहुत ही खतरनाक तरीके से अमेरिकी वायुसेना के एफ-16 विमान के पास से गुजरा जिससे उसके...
इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और रूस की सेना में तनाव काफी बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका के कनाडा से सटे अलास्का राज्य के पास समुद्र में रूसी सुखोई-35 लड़ाकू विमान बहुत ही खतरनाक तरीके से अमेरिकी वायुसेना के एफ-16 विमान के पास से गुजरा जिससे उसके टकराने का खतरा पैदा हो गया था। अमेरिकी वायुसेना ने बताया कि एफ-16 विमान रूस के दो Tu-95 बॉम्बर का पीछा करके उसे खदेड़ रहे थे जो अलास्का के पास आ गया था। इसी दौरान रूसी सुखोई-35 फाइटर जेट अचानक से एफ-16 विमानों के बीच से निकल गया। इस खतरनाक घटना का वीडियो अमेरिकी वायुसेना ने जारी किया है।
Eurasiantimes की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने घटना का फुटेज जारी किया है। यह घटना अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में हुई। NORAD उत्तरी अमेरिका के आसपास के हवाई क्षेत्र की निगरानी का जिम्मा संभालती है।
बफर जोन में टकराने से बचे लड़ाकू विमान
अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन एक बफर जोन है, जहां अमेरिकी लड़ाकू विमान लगातार निगरानी करते हैं। यहां विदेशी विमानों को अपनी पहचान बताने की जरूरत पड़ती है। यहां अक्सर रूसी और अमेरिकी विमानों का आमना सामना होता रहता है। हालांकि, यह पहली बार हुआ, जब रूसी विमान अमेरिकी लड़ाकू विमान के इतने करीब से गुजरा।
NORAD के दो F-16 लड़ाकू विमान सीमा पर निगरानी कर रहे थे। तभी अचानक रूसी लड़ाकू विमान सुखोई-35 इन दोनों विमानों के बीच से गुजर गया। अमेरिकी विमानों द्वारा इस घटना का वीडियो कैमरे में कैद हो गया। हालांकि, ये घटना अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर हुई।
कैसे हुई घटना?
अमेरिका ने बताया कि F-16 विमान रूस के Russian Tu-95 बॉम्बर विमान का पीछा कर रहे थे। तभी अचानक से सुखोई-35 दोनों F-16 जेट के बीच से निकल गया। यह घटना 23 सितंबर की बताई जा रही है। दरअसल, यूक्रेन से जंग के बीच रूसी वायुसेना और युद्धपोतों ने अलास्का के आस-पास मंडराना शुरू कर दिया है। उधर, अमेरिका ने रूस की गतिविधियों को देखते हुए चौकसी बढ़ा दी है। द वॉर जोन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने रूस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए डिफेंस नेटवर्क तैयार किया है। इसमें सैटेलाइट, रडार और फाइटर जेट को शामिल किया गया है।