दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को मार्शल लॉ लगाना पड़ा भारी, संसद में योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित

Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2024 02:06 PM

s korea s parliament votes to impeach president over martial law

दक्षिण कोरिया (South Korea )की विपक्षी दलों ने शनिवार को राष्ट्रपति युन सुक योल (President Yoon Suk Yeol) के खिलाफ महाभियोग( impeachment) प्रस्ताव पारित किया...

International Desk: दक्षिण कोरिया (South Korea )की विपक्षी दलों ने शनिवार को राष्ट्रपति युन सुक योल (President Yoon Suk Yeol) के खिलाफ महाभियोग( impeachment) प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में राष्ट्रपति को उनके आधिकारिक कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया है। यह कदम राष्ट्रपति द्वारा पिछले सप्ताह मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लागू करने की कोशिश के बाद उठाया गया, जिसे कुछ घंटे बाद ही वापस ले लिया गया था। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति युन सुक योल(President Yoon Suk Yeol) ने अचानक देश में मार्शल लॉ की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने इसे कुछ घंटे में वापस ले लिया। इसके बावजूद, विपक्षी दलों ने इस कदम को लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हुए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की।

 

उनके अनुसार, राष्ट्रपति का यह कदम संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन था और इसे लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ एक प्रयास माना गया। दक्षिण कोरिया की संसद में विपक्षी दलों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया और राष्ट्रपति को उनकी सरकारी जिम्मेदारियों से निलंबित कर दिया। इस दौरान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाए जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मार्शल लॉ की घोषणा को देश की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। यह महाभियोग प्रस्ताव दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। राष्ट्रपति युन सुक योल के समर्थकों ने इस कदम की आलोचना की है, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि राष्ट्रपति का यह कदम राजनीतिक असहमति को दबाने के लिए था।

 

 विरोधियों का कहना है कि राष्ट्रपति ने बिना किसी ठोस कारण के मार्शल लॉ की घोषणा की, जो कि एक गंभीर स्थिति थी और यह लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता था। हालांकि, राष्ट्रपति ने इसे केवल एक अस्थायी कदम बताया और कुछ घंटे बाद इसे वापस ले लिया।दक्षिण कोरिया की संसद ने इस घटना को लेकर राष्ट्रपति की कार्रवाई को गंभीरता से लिया और इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन माना। अब, यह देखा जाएगा कि आगे राष्ट्रपति के खिलाफ इस महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ेगी और क्या दक्षिण कोरिया के न्यायिक प्रणाली में कोई निर्णायक कदम उठाया जाएगा।
 

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