Edited By Tanuja,Updated: 01 Jan, 2025 01:28 PM
खाने के शौकिनों के लिए यह जानना बेहद जरूरी होता है कि जो भोजन वे खा रहे हैं, वह साफ-सुथरा और सुरक्षित है या नहीं। हालांकि, कई बार लोग स्वाद के चक्कर में इन पहलुओं पर ध्यान नहीं देते...
International Desk: खाने के शौकिनों के लिए यह जानना बेहद जरूरी होता है कि जो भोजन वे खा रहे हैं, वह साफ-सुथरा और सुरक्षित है या नहीं। हालांकि, कई बार लोग स्वाद के चक्कर में इन पहलुओं पर ध्यान नहीं देते। ऐसा ही एक मामला हाल ही में चीन के सिचुआन प्रांत में सामने आया है, जहां एक हॉटपॉट रेस्टोरेंट पर प्रशासन ने छापा मारा और पता चला कि रेस्टोरेंट में कस्टमर्स के छोड़े हुए तेल से खाना पकाया जा रहा था। इस जूठे तेल को रेस्टोरेंट ने नए तेल के साथ मिक्स कर दिया और फिर उसे ग्राहकों को सर्व किया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना सिचुआन के नांचोंग शहर में स्थित एक हॉटपॉट रेस्टोरेंट की है। रेस्टोरेंट पर स्थानीय प्रशासन, नांचोंग मार्केट रेगुलेशन एडमिनिस्ट्रेशन, ने 2 दिसंबर को छापा मारा।
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जांच में प्रशासन ने पाया कि रेस्टोरेंट में कस्टमर्स द्वारा छोड़े गए खाने से तेल निकालकर उसे फिर से अगले ग्राहकों के खाने में इस्तेमाल किया जा रहा था। यह तेल 'सलाइवा ऑयल' या 'जूठन तेल' के नाम से जाना जाता है। यह तेल किसी अन्य ग्राहक के द्वारा छोड़ा गया था, और इसे ताजे तेल के साथ मिलाकर फिर से इस्तेमाल किया जा रहा था। रेस्टोरेंट के मालिक ने स्वीकार किया कि यह प्रक्रिया स्वाद बढ़ाने के लिए की जाती थी। उन्होंने बताया कि इससे हॉटपॉट का फ्लेवर और भी बेहतरीन हो जाता था। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए रेस्टोरेंट पर कार्रवाई की, क्योंकि चीन का खाद्य सुरक्षा कानून 2009 के तहत इस तरह की प्रैक्टिस को अवैध करार दिया गया है। इसके तहत इस तरह के कुकिंग प्रैक्टिस के लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है।
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जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ, सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा होने लगी। लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूजर्स ने इसे एक 'ओपन सीक्रेट' करार दिया और कहा कि यह परंपरागत रूप से होता आया है। एक यूजर ने कहा, "बिना जूठे तेल के हॉटपॉट का स्वाद वैसा नहीं आता।" जबकि कुछ अन्य यूजर्स ने चिंता जताई कि इस तरह के प्रैक्टिस से संक्रमण फैल सकता है, और इसे एक स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक कदम माना। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी कहा कि वे इस तरह के स्वाद के लिए ही रेस्टोरेंट आते हैं। एक यूजर ने टिप्पणी की, "हम इस फ्लेवर के लिए ही यहां खाते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, हम हमेशा से जानते हैं कि यह प्रक्रिया हो रही है।" वहीं, कुछ अन्य ने इसे हंसी-मजाक में लिया और कहा कि यह एक तरह का 'स्पेशल फ्लेवर' है, जो उन्हें केवल हॉटपॉट में ही मिलता है।
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चीन के फूड सेफ्टी कानून 2009 में इस तरह की प्रैक्टिस को प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि इससे खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे हो सकते हैं। इस तरह का तेल खाद्य विषाक्तता, बैक्टीरिया और संक्रमण के प्रसार का कारण बन सकता है। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है, और रेस्टोरेंट पर जुर्माना लगाया है, हालांकि इस रेस्टोरेंट का यह तरीका अन्य कई स्थानों पर प्रचलित हो सकता है। कुल मिलाकर, इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे जो खाते हैं, उसका उत्पादन किस प्रकार से होता है। यह मामले यह भी दर्शाता है कि स्वाद और सेहत के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
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