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कट्टर इस्लामिक देश में बेची जा रहीं 'पानी में घुलने वाली कुरान की आयतें ! मुस्लिम देशों में छिड़ गई बहस, जानें पाक का रिएक्शन

Edited By Tanuja,Updated: 28 Jan, 2025 05:11 PM

saudi arabian company has recently begun selling drinkable quranic verses

कट्टर इस्लामिक देश की एक कंपनी ने हाल ही में 'पानी में घुलने वाली कुरान की आयतों' को बेचने का नया उत्पाद लॉन्च किया है। यह खास कागज पर लिखी गई आयतें हैं...

International Desk: कट्टर इस्लामिक देश की एक कंपनी ने हाल ही में 'पानी में घुलने वाली कुरान की आयतों' को बेचने का नया उत्पाद लॉन्च किया है। यह खास कागज पर लिखी गई आयतें हैं, जो पानी में डालने पर घुल जाती हैं। इस प्रोडक्ट ने मुस्लिम देशों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। खासतौर पर पाकिस्तान में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सऊदी अरब की इस कंपनी ने दावा किया है कि इस उत्पाद का उद्देश्य धार्मिक विश्वास को प्रोत्साहित करना है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, कुछ मुसलमान आयत पढ़कर पानी या खाने पर फूंकने को इलाज के रूप में अपनाते हैं। इसे ही ध्यान में रखते हुए यह प्रोडक्ट तैयार किया गया है।  

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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पाकिस्तानी यूट्यूबर निमरा अहमद ने इस मुद्दे पर लोगों की राय ली। बातचीत में कई पाकिस्तानी लोगों ने इस प्रोडक्ट पर कड़ी आपत्ति जताई।  एक महिला ने कहा , "इस्लामी शिक्षाओं में ऐसा कहीं नहीं बताया गया कि आयतों को पानी में घोलकर पिया जाए। यह धार्मिक रूप से गलत है और हमें इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।"एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "यह आयतों का बाजारीकरण है। ऐसा करना इस्लाम के मूल्यों के खिलाफ है। सऊदी अरब को इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।" जहां कई लोगों ने विरोध जताया, वहीं कुछ ने इसे धार्मिक आस्था का हिस्सा मानते हुए इसका बचाव किया।

 

एक पाकिस्तानी ने कहा, "आयतों को पानी में घोलकर पीना या किसी चीज पर फूंकना, बीमारियों से राहत दिलाने की प्राचीन प्रथा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।" एक महिला ने बताया कि उन्होंने इस उत्पाद की जानकारी एक भारतीय हिंदू के सोशल मीडिया पोस्ट से पाई। उन्होंने कहा, "अगर एक गैर-मुस्लिम भी इसका विरोध कर रहा है, तो हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यह गलत प्रथा है।"  यह बहस केवल धार्मिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि क्या पवित्र धार्मिक ग्रंथों का इस तरह से व्यावसायिक उपयोग किया जाना सही है। इस्लामी विद्वानों ने भी इस पर विचार करने की बात कही है। फिलहाल सऊदी कंपनी ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन पाकिस्तान समेत कई देशों में इस मुद्दे को लेकर गुस्सा और असहमति बढ़ती जा रही है।  

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