Edited By Tanuja,Updated: 23 Dec, 2024 07:04 PM
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई, और बेरोजगारी के दौर से गुजर रहा है। देश के युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं हैं,...
International Desk: पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई, और बेरोजगारी के दौर से गुजर रहा है। देश के युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं हैं, और अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। इसी बीच, खाड़ी देशों से एक और बड़ा झटका सामने आया है—सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी नागरिकों के प्रति खाड़ी देशों का रवैया अब कड़ा हो गया है। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं। खाड़ी देशों के नियोक्ता पाकिस्तानी श्रमिकों के काम और व्यवहार से नाखुश हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों पर भीख मांगने, मानव तस्करी, और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी श्रमिकों की छवि खाड़ी देशों में लगातार खराब हो रही है। हर साल करीब 8 लाख पाकिस्तानी खाड़ी देशों में काम की तलाश में वीजा के लिए आवेदन करते हैं। दुबई और अबू धाबी जैसे शहर हमेशा से उनकी पसंदीदा जगह रहे हैं। लेकिन हालिया प्रतिबंध ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है। पाकिस्तान पहले सऊदी और UAE जैसे मुस्लिम देशों से खैरात पर निर्भर था। लेकिन अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि ये देश पाकिस्तान से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर मिलने वाली मदद अब लगभग बंद हो चुकी है। अपराध और खाड़ी देशों में पाकिस्तानी नागरिकों पर भीख मांगने और अन्य अपराधों में शामिल होने के आरोपों ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। खाड़ी देशों के लोग और नियोक्ता पाकिस्तानी श्रमिकों के व्यवहार से असंतुष्ट हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कई सालों से गिरावट का शिकार है। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रही हो, देश हमेशा कर्ज और सहायता पर निर्भर रहा है। देश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि अधिकारी और मंत्री भीख मांगने के लिए विभिन्न देशों और बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ICU में है, और सुधार के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे। खाड़ी देशों का यह फैसला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। न केवल श्रमिकों के रोजगार पर असर पड़ेगा, बल्कि यह देश की पहले से बिगड़ी छवि को और खराब करेगा।