हसीना ने अचानक इस्तीफे पर तोड़ी चुप्पी, बोलीं- मैनें अमेरिका से बांग्लादेशियों की जान बचाई, US की डील मानती तो बच जाती सत्ता

Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2024 02:00 PM

sheikh hasina hints at us role in ouster from bangladesh

बांग्लादेश (Bangladsh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस्तीफे के 6 दिन बाद अपने अचानक इस्तीफे को लेकर..

International Desk:  बांग्लादेश (Bangladsh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस्तीफे के 6 दिन बाद अपने अचानक इस्तीफे को लेकर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि सेंट मार्टिन द्वीप को अमेरिका (US) को न देने की वजह से उनकी सरकार गिराई गई। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा, "मैं कट्टरपंथियों की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ने नहीं देना चाहती थी। उन्होंने छात्रों की लाशों के जरिए सत्ता हासिल करने की योजना बनाई थी, लेकिन मैंने पद छोड़कर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।"हसीना ने कहा कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिकी कंट्रोल में देकर अपनी कुर्सी बचा सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से अपील की कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं और भरोसा दिलाया कि वह जल्द बांग्लादेश लौटेंगी। इस्तीफे के बाद यह पहला मौका था जब हसीना ने इस मामले पर कोई बयान दिया।

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सेंट मार्टिन द्वीप विवाद और हसीना का बयान
सेंट मार्टिन द्वीप, जिसे लेकर बांग्लादेश की राजनीति में काफी विवाद हुआ, केवल 3 वर्ग किलोमीटर का एक छोटा सा द्वीप है। म्यांमार से इसकी दूरी सिर्फ 5 मील है। जून 2021 में बांग्ला अखबारों में खबर आई थी कि अमेरिका, बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है, ताकि वह वहां मिलिट्री बेस बना सके। इसके बाद बांग्लादेश वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रशीद खान मेनन ने भी संसद में कहा कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप हासिल करना चाहता है और क्वाड का सदस्य बनने के लिए बांग्लादेश पर दबाव बना रहा है। जून 2023 में शेख हसीना ने कहा था कि अगर विपक्षी BNP पार्टी सत्ता में आई तो वे सेंट मार्टिन द्वीप बेच देंगे। इस विवाद ने बांग्लादेश की राजनीति में गहरा असर डाला।

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हिंदुओं पर बढ़े हमले, 52 जिलों में हिंसा
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। देश के 64 जिलों में से 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के 205 से अधिक मामले सामने आए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपील की। यूनुस ने कहा, "अल्पसंख्यकों पर हमले करना एक जघन्य अपराध है। बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवाओं का फर्ज है।" उन्होंने बांग्लादेश की बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "छात्रों ने इस देश को बचाया है, क्या वे अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर सकते? वे भी हमारे देश के नागरिक हैं। हमें एकजुट होकर रहना होगा।"

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यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अब युवाओं के हाथ में है। शनिवार को ढाका और चिटगांव में हजारों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर विरोध किया। उन्होंने अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों का विरोध किया और 'हिंदुओं की रक्षा करो', 'हमें इंसाफ चाहिए', और 'देश सभी नागरिकों का है' जैसे नारे लगाए।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग के 2 हिंदू नेताओं की हत्या की जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और उनके हितों की रक्षा के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जाए।

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