Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Mar, 2025 02:44 PM

अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देखने वाले विदेशी छात्रों के लिए बुरी खबर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में एफ-1 वीजा अस्वीकृतियों की दर 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी सरकार के अनुसार, इस साल 6.79 लाख आवेदनों में से 2.79 लाख (41%) को खारिज...
इंटरनेशन डेस्क: अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देखने वाले विदेशी छात्रों के लिए बुरी खबर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में एफ-1 वीजा अस्वीकृतियों की दर 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी सरकार के अनुसार, इस साल 6.79 लाख आवेदनों में से 2.79 लाख (41%) को खारिज कर दिया गया, जो पिछले वर्ष 36% थी। हालांकि अमेरिका ने देशवार वीजा अस्वीकृति दर साझा नहीं की है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले नौ महीनों में भारतीय छात्रों को दिए गए वीजा में 38% की गिरावट देखी गई। 2023 में इसी अवधि में 1.03 लाख भारतीय छात्रों को एफ-1 वीजा मिला था, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 64,008 रह गई।
अगर पिछले दशक के आंकड़ों को देखें, तो 2014-15 में कुल 8.56 लाख एफ-1 वीजा आवेदन किए गए थे। इसके बाद कोविड-19 महामारी के दौरान यह संख्या घटकर 1.62 लाख रह गई। महामारी के बाद आवेदनों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई, लेकिन 2023-24 में इसमें 3% की गिरावट देखी गई।
क्यों बढ़ रही हैं एफ-1 वीजा अस्वीकृतियां?
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, सभी वीजा निर्णय ‘आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम’ (INA) और संघीय विनियमों के अनुसार केस-दर-केस आधार पर लिए जाते हैं। हालांकि, 2019 से वीजा डेटा गणना पद्धति में बदलाव किया गया है, जिससे यह समझना कठिन हो गया है कि वीजा अस्वीकृतियों में वृद्धि का सही कारण क्या है।
अमेरिका ही नहीं, बल्कि अन्य देश भी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहे हैं। कनाडा ने 2024 में अध्ययन परमिट की संख्या 35% तक कम करने की घोषणा की, जबकि 2025 में इसे और 10% घटाने की योजना है। ब्रिटेन ने भी विदेशी छात्रों के आश्रितों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन 40% तक गिर गया है।
भारतीय छात्र अमेरिका में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समूह
हालांकि वीजा अस्वीकृतियों में वृद्धि हो रही है, फिर भी भारतीय छात्र अमेरिका में सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय छात्र समूह के रूप में उभर रहे हैं। 2023-24 में अमेरिका में कुल 3.31 लाख भारतीय छात्र थे, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 29.4% हिस्सा बनाते हैं। यह पहली बार है जब भारतीय छात्रों की संख्या चीनी छात्रों से अधिक हो गई है।
एफ-1 वीजा अस्वीकृतियों में बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देख रहे छात्रों को अब ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। मजबूत अकादमिक प्रोफाइल, स्पष्ट करियर लक्ष्य और सही दस्तावेज़ों के साथ आवेदन करने से वीजा मिलने की संभावना बढ़ सकती है।