Edited By Parminder Kaur,Updated: 27 Oct, 2024 04:41 PM
हुनान में इस्लामी धर्मगुरुओं को यह संदेश मिला है कि केवल इस्लाम ही नहीं, बल्कि पवित्र कुरान को भी "सिनिकृत" किया जाना चाहिए। यह निर्देश उन्हें बीजिंग में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मिला, जो 13 अक्टूबर से शुरू हुआ था।
इंटरनेशनल डेस्क. हुनान में इस्लामी धर्मगुरुओं को यह संदेश मिला है कि केवल इस्लाम ही नहीं, बल्कि पवित्र कुरान को भी "सिनिकृत" किया जाना चाहिए। यह निर्देश उन्हें बीजिंग में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मिला, जो 13 अक्टूबर से शुरू हुआ था।
हुनान में 100,000 से अधिक हुई मुसलमान हैं और यहां एक उइगर अल्पसंख्यक भी है। हुई और उइगर मुसलमानों के बीच विवाह भी होते हैं, जिससे स्थानीय इस्लाम की स्थिति की निगरानी सख्त हो गई है।
यह बैठक केंद्रीय एकता कार्य विभाग की चौथी शाखा द्वारा आयोजित की गई, जिसमें चीन इस्लामिक संघ के उच्चतम राष्ट्रीय अधिकारियों, जैसे कि उपाध्यक्ष मू केफा ने भाग लिया। मू ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 20वें सीपीसी केंद्रीय समिति के तीसरे पूर्णकालिक सत्र की आत्मा और जनरल सेक्रेटरी शी जिनपिंग के धार्मिक कार्यों पर विचारों का अध्ययन करने पर केंद्रित होगा।
प्रशिक्षण का लक्ष्य इस्लाम की सिनिकाई को बढ़ावा देना और धर्मगुरुओं को "पवित्र कुरान" के संदर्भ में "व्याख्यात्मक कौशल" सिखाना है। उन्हें "नई युग के अनुसार व्याख्यायित शास्त्रों" का प्रचार करने के लिए कहा गया है, जो कि शी जिनपिंग का प्रिय नारा है। इसका उद्देश्य "राजनीतिक जागरूकता" की सेवा में होना और इस्लाम को "चीनीकरण समाज के अनुकूल" बनाने के लिए सक्रिय रूप से मार्गदर्शन करना है।
"सिनिकाई" का अर्थ यह नहीं है कि पवित्र कुरान और इस्लाम को चीनी परंपराओं में ढाला जाए, बल्कि इसे "चीनीकरण समाज" और शी जिनपिंग की "चीनी विशेषताओं के साथ मार्क्सवाद" के सिद्धांतों के अनुसार ढाला जाना है। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि एक सप्ताह है और इसमें हुनान प्रांत के विभिन्न शहरों से 38 इस्लामी धर्मगुरु शामिल हैं।