Edited By Tanuja,Updated: 29 May, 2024 06:00 PM
फ्रांस असेंबली में फिलीस्तीनी झंडा लहराने वाला सांसद निष्कासित
बार्सिलोनाः यूरोपीय संघ के साथ बढ़ते मतभेद के बीच इजराइल की धमकियों को नजरअंदाज कर स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने मंगलवार को फिलीस्तीन राष्ट्र को आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी। यूरोपीय संघ में शामिल देश इजराइल पर गाजा में हमले रोकने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। 140 देशों ने फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता दी है लेकिन किसी बड़े पश्चिमी देश ने अब तक ऐसा नहीं किया है। वहीं, इजराइल ने इस राजनयिक कदम की आलोचना की, जिसका गाजा में इसकी आक्रामक कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने मैड्रिड में प्रधानमंत्री आवास के द्वार पर खड़े होकर कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है जिसका एकमात्र लक्ष्य है और यह लक्ष्य इजराइल और फिलीस्तीन के लोगों को शांति स्थापित करने में मदद करना है।''
इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में तुरंत स्पेन पर हमला बोला और कहा कि सांचेज की सरकार ‘‘यहूदियों के खिलाफ नरसंहार को भड़काने और युद्ध अपराधों में शामिल हो रही है।'' इस बीच, स्पेन की तर्ज पर आयरलैंड और नॉर्वे ने भी फिलीस्तीन राष्ट्र को औपचारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की। दोनों देशों ने पिछले सप्ताह फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने की प्रतिबद्धता जतायी थी। इस घोषणा के बाद आयरलैंड की राजधानी डबलिन में संसद के बाहर फिलीस्तीनी झंडा लहराया गया। फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने के लिए बुलाई गई मंत्रिमंडल बैठक से पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री सिमोन हैरिस ने कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और मुझे लगता है कि यह दुनिया को एक संकेत भेजता है कि द्विराष्ट्र समाधान की उम्मीद बनाए रखने और इसे साकार करने में मदद के लिए एक देश के रूप में आप कुछ व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं, जबकि कुछ अन्य लोग दुखद रूप से इसे भुला रहे हैं।''
नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईदे ने एक बयान में कहा, ‘‘30 से अधिक वर्षों से, नॉर्वे फिलीस्तीनी राष्ट्र के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक रहा है। आज, जब नॉर्वे ने आधिकारिक तौर पर फिलीस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है, तो यह नॉर्वे और फिलीस्तीन के बीच संबंधों में एक मील का पत्थर है।'' लगभग 140 देशों ने फिलीस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दी है, लेकिन पश्चिम के किसी प्रमुख देश ने ऐसा नहीं किया है। तीन यूरोपीय देशों का फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता देना विश्व में फिलीस्तीनी राष्ट्र के लिए जनमत बनाने का अहम संकेत साबित हो सकता है और यूरोपीय संघ में शामिल शक्तिशाली देशों जैसे फ्रांस और जर्मनी को भी अपने रुख पर पुनर्विचार करने का दबाव बन सकता है।