Edited By Tanuja,Updated: 29 Jun, 2020 11:16 AM
चीन की विस्तारवादी नीतियों से नेपाल जैसे उसके मित्र देश भी काफी परेशान हैं। वह नेपाल में अवैध रूप से जमीन कब्जा करने में लगा हुआ है...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन की विस्तारवादी नीतियों से नेपाल जैसे उसके मित्र देश भी काफी परेशान हैं। वह नेपाल में अवैध रूप से जमीन कब्जा करने में लगा हुआ है। नेपाल में बढ़ते चीनी दखल और उसकी विस्तारवादी नीति का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। सोमवार को कई जिलों में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए। प्रदर्शनकारियों ने ‘चीन वापस जाओ’ के नारे लगाए और नेपाल की हड़पी 36 हेक्टेयर जमीन वापस करने की मांग की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के सपतारी, बरदिया और कपिलवस्तु जिलों में सोमवार को चीन विरोधी प्रदर्शन हुए। इस दौरान लोगों के हाथ में चीन विरोधी पोस्टर और बैनर थे। वे चीन के खिलाफ नारे लगा रहे थे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के पुतले भी जलाए। नेपाल की जमीन कब्जा करने को लेकर चीन के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। दरअसल, सर्वे डिपार्टमेंट की हालिया रिपोर्ट के बाद नेपाल में चीन विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नेपाल अपनी सैकड़ों हेक्टेयर भूमि चीन के हाथों खो देगा। इससे पहले छात्रों ने नेपाल में कोरोना वायरस के मामलों और भ्रष्टाचार को लेकर प्रदर्शन किया था। ऐसे में सोमवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में करीब 500 छात्रों ने भ्रष्टाचार और कोविड19 से निपटने में फेल नेपाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
बता दें कि नेपाल में कोरोना वायरस के 450 से ज्यादा नए मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 6000 के पार पहुंच गई जिसके बाद सरकार ने देश में तीन और हफ्तों के लिये घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन पर रोक लगा दी। नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) के मुताबिक, मंत्री परिषद द्वारा लिये गए फैसले के तहत सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों के संचालन पर रोक को पांच जुलाई तक बढ़ा दिया गया है।