अंतरिक्ष में पानी पीने, सोने और टॉयलेट जाने का अनोखा तरीका, सुनीता विलियम्स ने बताया

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Mar, 2025 08:17 PM

sunita williams told how to drink water sleep and go to the toilet in space

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में आठ दिन का मिशन पूरा करना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण वे वहां करीब नौ महीने से फंसे हुए हैं।

इंटरनेशनल डेस्क: अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में आठ दिन का मिशन पूरा करना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण वे वहां करीब नौ महीने से फंसे हुए हैं। नासा ने हाल ही में पुष्टि की कि उनकी धरती पर वापसी जल्द होगी। अंतरिक्ष में जीवन जीना एक बहुत ही अनोखा और चुनौतीपूर्ण अनुभव होता है। अंतरिक्ष यात्री, खासकर नासा के एस्ट्रोनॉट्स, जब कई दिन, हफ्ते या महीनों तक अंतरिक्ष में बिताते हैं तो उनके लिए दैनिक जीवन के सामान्य कार्य करना भी एक अलग अनुभव होता है। खासकर अगर बात करें टॉयलेट या बाथरूम के उपयोग की, तो यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है कि अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स टॉयलेट कैसे जाते हैं और बाथरूम का उपयोग कैसे करते हैं। यह विषय बेहद दिलचस्प है और आज हम इस पर बात करेंगे, साथ ही जानेंगे सुनीता विलियम्स ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान इन खास तरीकों को किस तरह से अपनाया।



अंतरिक्ष में टॉयलेट का तरीका

अंतरिक्ष में टॉयलेट का उपयोग एक सामान्य टॉयलेट जैसा नहीं होता, बल्कि यह एक विशेष वैक्यूम टॉयलेट होता है। क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, इस कारण से मल और यूरिन को सामान्य तरीके से निपटाना संभव नहीं होता। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने इसके लिए खास वैक्यूम सिस्टम तैयार किया है। इस टॉयलेट में एयर-प्रेशर और वैक्यूम का इस्तेमाल किया जाता है, जो मल को टैंक में खींचता है और उसे इधर-उधर फैलने से रोकता है। यह टॉयलेट एस्ट्रोनॉट्स को खड़े होकर या बैठकर आराम से उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।

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यूरिन का रिसाइक्लिंग सिस्टम

अंतरिक्ष में पानी की कमी एक बड़ी चुनौती होती है, इसलिए यूरिन का रिसाइक्लिंग सिस्टम बेहद महत्वपूर्ण है। अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यूरिन को एक अलग टैंक में स्टोर किया जाता है, और फिर उसे फिल्टर करके पीने के पानी में बदल लिया जाता है। इस प्रक्रिया से पानी की खपत को बचाया जाता है और यह मिशन में एक तरह से काम आता है। पहले एस्ट्रोनॉट्स यूरिन के लिए पाउच का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह रिसाइक्लिंग सिस्टम काफी प्रभावी तरीके से कार्य करता है।

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पानी पीने का तरीका और बाथरूम के उपाय

अंतरिक्ष में पानी पीने के तरीके में भी कुछ खास बदलाव होते हैं। सुनीता विलियम्स ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान यह दिखाया था कि वह किस तरह से पानी पीती हैं। पानी एक पाउच में बंद रहता है, जिसे वह नली के माध्यम से पीती हैं। खास बात यह है कि इस पानी को हवा में तैरते हुए भी पीना होता है। यह दृश्य बेहद रोमांचक था जब सुनीता ने हवा में तैरते हुए पानी पीने का तरीका बताया था। जहां तक बाथरूम का सवाल है, अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स शावर नहीं लेते। वे अपने शरीर को गीले कपड़े की मदद से या विशेष लिक्विड का इस्तेमाल करके साफ करते हैं। यह तरीका बहुत प्रभावी होता है और शरीर को स्वच्छ बनाए रखने में मदद करता है।

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स्पेस स्लीपिंग बैग में सोने का अनोखा तरीका

स्पेस में गुरुत्वाकर्षण के अभाव में सोने का तरीका भी अलग होता है। एस्ट्रोनॉट्स को खुद को एक स्लीपिंग बैग में बंद करना होता है ताकि वे किसी भी दिशा में तैरते न रहें। यह बैग उन्हें एक निश्चित स्थान पर रखने में मदद करता है, ताकि वे आराम से सो सकें। सुनीता विलियम्स ने भी अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान इस स्लीपिंग बैग का उपयोग किया था। और क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण कोई भी दिशा तय नहीं होती, एस्ट्रोनॉट्स उलटे या सीधे किसी भी दिशा में सो सकते हैं। हालांकि, जब वे पृथ्वी पर लौटते हैं तो उन्हें शरीर के वजन को फिर से महसूस करने में कुछ समय लगता है।

 

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