Edited By Harman Kaur,Updated: 24 Sep, 2024 03:02 PM
स्वीडन ने दावा किया कि उसके नागरिकों को 2023 में कुरान जलाने की घटना का बदला लेने की धमकी देने वाले हजारों एसएमएस भेजने के पीछे ईरान का हाथ है। स्वीडन के अधिकारियों का दावा है कि ईरान का अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ‘डेटा में सेंधमारी' कर...
इंटरनेशनल डेस्क: स्वीडन ने दावा किया कि उसके नागरिकों को 2023 में कुरान जलाने की घटना का बदला लेने की धमकी देने वाले हजारों एसएमएस भेजने के पीछे ईरान का हाथ है। स्वीडन के अधिकारियों का दावा है कि ईरान का अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ‘डेटा में सेंधमारी' कर सार्वजनिक रूप से कुरान जलाने के सिलसिले में ‘स्वीडिश भाषा में लगभग 15,000 एसएमएस' भेजने में सफल रहा।
वरिष्ठ अभियोजक मैट लजंगक्विस्ट ने बताया कि स्वीडन की घरेलू सुरक्षा एजेंसी ‘एसएपीओ' द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ‘‘ईरान ने ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) के जरिए स्वीडन में प्रमुख एसएमएस सेवा प्रदाता स्वीडिश कंपनी के डेटा में सेंधमारी की।'' वरिष्ठ अभियोजक ने स्वीडिश कंपनी के नाम का खुलासा नहीं किया है। ईरानी अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। स्वीडिश मीडिया ने अगस्त 2023 में खबर दी थी कि स्वीडन में बड़ी संख्या में लोगों को स्वीडिश भाषा में एसएमएस मिले हैं, जिनमें कुरान जलाने वालों से बदला लेने का आह्वान किया गया था।
लजंगक्विस्ट ने कहा, संदेश भेजने वाला ‘‘खुद को अंजू टीम कहने वाला एक समूह'' था। स्वीडिश प्रसारक एसवीटी ने एसएमएस की तस्वीर साझा की थी जिसमें लिखा गया था,‘‘जिन्होंने भी कुरान का अपमान किया, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।'' इसमें स्वीडन के लोगों को ‘राक्षस' कहा गया था। प्रदर्शन अभिव्यक्ति की आजादी के तहत किया गया जिसे स्वीडन के संविधान में संरक्षण प्राप्त है और पुलिस ने इसकी मंजूरी दी थी। एक अलग बयान में एसएपीओ के संचालन प्रबंधक फ्रेडरिक हालस्ट्रम ने कहा कि एसएमएस भेजने की मंशा ‘स्वीडन को इस्लामोफोबिक देश के रूप में प्रस्तुत करना और समाज में विभाजन पैदा करना था।''
इस बीच, स्वीडन के न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने स्वीडिश समाचार एजेंसी टीटी को बताया, ‘‘(एसएपीओ के) आकलन के अनुसार, इस मामले में ईरान की भूमिका थी। इस कृत्य का उद्देश्य स्वीडन को अस्थिर करना या हमारे देश में ध्रुवीकरण बढ़ाना है, यह निश्चित रूप से बहुत गंभीर है।'' स्वीडन में कुरान या किसी धार्मिक ग्रंथ को जलाने या अपमान करने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। अन्य पश्चिमी देशों की तरह स्वीडन में कोई ईशनिंदा कानून नहीं है।