Edited By Parminder Kaur,Updated: 20 Sep, 2024 10:12 AM
![syuk founder rajbinder kaur committed a major fraud in charitable funds](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_9image_10_11_418389939uk-ll.jpg)
सिख यूथ यूके (SYUK) की संस्थापक राजबिंदर कौर (55) दान किए गए चैरिटेबल फंड से 55 लाख रुपए (लगभग £50,000) निकालने के मामले में दोषी पाई गई है। राजबिंदर कौर हैंड्सवर्थ की पूर्व बैंक कर्मचारी हैं और अपने भाई के साथ SYUK का संचालन करती थीं, अब बर्मिंघम...
इंटरनेशनल डेस्क. सिख यूथ यूके (SYUK) की संस्थापक राजबिंदर कौर (55) दान किए गए चैरिटेबल फंड से 55 लाख रुपए (लगभग £50,000) निकालने के मामले में दोषी पाई गई है। राजबिंदर कौर हैंड्सवर्थ की पूर्व बैंक कर्मचारी हैं और अपने भाई के साथ SYUK का संचालन करती थीं, अब बर्मिंघम क्राउन कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग, छह बार चोरी और एक बार चैरिटी कमीशन को गलत या भ्रामक जानकारी देने के मामले में दोषी ठहराया है। उनका भाई कलदीप सिंह लेहल (43) भी गलत जानकारी देने का दोषी पाया गया है।
कौर और लेहल ने 2016 में SYUK को एक पंजीकृत चैरिटी बनाने के लिए चैरिटी कमीशन में आवेदन दिया था, लेकिन जब उनसे और जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने इसे नहीं दिया और उनका आवेदन बंद कर दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने 2018 में धन जुटाने के कार्यक्रम आयोजित करना जारी रखा। वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने चैरिटी कमीशन को SYUK के चैरिटेबल फंड के उपयोग को लेकर चिंताओं की जानकारी दी। 15 नवंबर 2018 को चैरिटी कमीशन ने SYUK के लिए धन जुटाने के मामले में एक कानूनी जांच शुरू की।
हालांकि SYUK पंजीकृत चैरिटी नहीं थी, लेकिन कानून के अनुसार जुटाए गए फंड चैरिटेबल माने जाते हैं, इसलिए कमीशन के पास निगरानी का अधिकार था। कमीशन ने चैरिटी एक्ट 2011 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए SYUK के बैंक स्टेटमेंट की कॉपी प्राप्त की।
कोर्ट में बताया गया कि कौर SYUK के बैंक से अपने व्यक्तिगत खातों में धन स्थानांतरित करती थीं, जिससे वह अपने कर्ज चुका सकें और दूसरों को पैसे भेज सकें। उन्होंने 'वैसाखी' कार्यक्रम से भी पैसे जुटाए ताकि अपनी यूटिलिटी बिल चुका सकें और अपने धन के प्रवाह को छिपाने के लिए 50 से अधिक व्यक्तिगत बैंक खाते रखे।
दोनों ने सभी आरोपों से इनकार किया है और उनकी सजा 21 नवंबर को सुनाई जाएगी। वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस की सुपरिंटेंडेंट एनी मिलर ने कहा, "कौर ने खुद को वित्तीय मामलों में नासमझ बताने की कोशिश की, जबकि उन्होंने बैंक में काम किया था। SYUK स्पष्ट रूप से उनके जीवनशैली को वित्तपोषित करने और कर्ज चुकाने का एक साधन था।"