Edited By Rahul Singh,Updated: 24 May, 2024 02:52 PM
चीन और ताइवान का आपसी विवाद बढ़ता हुआ दिख रहा है। ताइवान ने शुक्रवार कहा कि उसके तट के पास चीन की सेना के व्यापक अभ्यास के दूसरे दिन शुक्रवार को दर्जनों चीनी युद्धक विमान और नौसैन्य पोत देखे गए।
ताइपे: चीन और ताइवान का आपसी विवाद बढ़ता हुआ दिख रहा है। ताइवान ने शुक्रवार कहा कि उसके तट के पास चीन की सेना के व्यापक अभ्यास के दूसरे दिन शुक्रवार को दर्जनों चीनी युद्धक विमान और नौसैन्य पोत देखे गए। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि उसे 49 युद्धक विमान और 19 नौसैन्य पोत के साथ-साथ चीनी तट रक्षक जहाजों की उपस्थिति की जानकारी मिली है। बृहस्पतिवार से शुक्रवार तक 24 घंटे की अवधि में 35 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में उड़ान भरी। यह दोनों पक्षों के बीच की वास्तविक सीमा है।
ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने बृहस्पतिवार को राजधानी ताइपे के दक्षिण में ताओयुआन में एक समुद्री अड्डे का दौरा किया और नाविकों तथा शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से कहा, ‘‘हम बाहरी चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहे हैं। हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखेंगे।’’
ताइवान स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र
इससे पहले राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने सोमवार को अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि ताइवान ‘‘एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र है जिसमें संप्रभुता लोगों के हाथों में है।’’ उन्होंने साथ ही बीजिंग से अपनी सैन्य धमकी को रोकने को कहा था। वहीं चीन की सेना ने कहा कि ताइवान के आसपास उसका दो दिवसीय अभ्यास स्वतंत्रता चाहने वाली अलगाववादी ताकतों के लिए सजा के समान है।
चीन में ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने बृहस्पतिवार रात एक बयान में कहा, ‘‘ताइवान के नेता ने पदभार संभालते ही एक-चीन सिद्धांत को चुनौती दी।’’ ‘एक-चीन सिद्धांत’ के अनुसार चीन केवल एक देश है और कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत ताइवान भी चीन का ही हिस्सा है। चीन का मानना है कि ताइवान को मुख्य भूमि के साथ जोड़ा जाना चाहिए भले ही इसके लिए शक्ति प्रयोग करना पड़े।