Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Aug, 2024 10:15 AM
अमेरिका में अब टेक कंपनियों को बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट से होने वाले नुकसान के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अमेरिकी सीनेट ने 'किड्स ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट' नामक बिल को भारी बहुमत से पास कर दिया है। इस बिल के अनुसार, यदि कंपनियां इस कानून का...
इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका में अब टेक कंपनियों को बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट से होने वाले नुकसान के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अमेरिकी सीनेट ने 'किड्स ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट' नामक बिल को भारी बहुमत से पास कर दिया है। इस बिल के अनुसार, यदि कंपनियां इस कानून का पालन नहीं करती हैं, तो उन्हें कम से कम 3.5 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। इस बिल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को खतरनाक ऑनलाइन कंटेंट के जोखिम से सुरक्षित रखना है। इस बिल को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि 'आज हमारे बच्चे 'ऑनलाइन अराजकता' में घिरे हैं और मौजूदा कानून इसे रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।'
लंबे समय से बहुत से माता-पिता ऐसे सख्त नियमों की मांग कर रहे थे, खासकर उन लोगों ने जिनके बच्चों ने ऑनलाइन बुलीइंग के कारण आत्महत्या की या जिन्हें ऑनलाइन सामग्री से नुकसान पहुंचा। डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल के अनुसार, यह नया कानून बच्चों, किशोरों और माता-पिता को अपनी ऑनलाइन जिंदगी पर नियंत्रण पाने की सुविधा देगा।
एक्सपर्ट के अनुसार, नए कानून के लागू होने के बाद कंपनियों को बच्चों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कई कदम उठाने होंगे। इसमें हिंसा, आत्महत्या को बढ़ावा देने वाली सामग्री, सेहत के लिए हानिकारक खानपान, और तंबाकू या शराब जैसे अवैध उत्पादों के विज्ञापनों पर सख्ती शामिल है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे नाबालिगों की गोपनीयता की सुरक्षा करें और उन्हें व्यक्तिगत एल्गोरिदम की सिफारिशों से बाहर जाने का विकल्प दें।