Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Jan, 2025 02:20 PM
इजराइल और हमास के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम के दौरान इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक महत्वपूर्ण सूचना दी है। IDF ने बताया कि उसने गाजा पट्टी में एक गुप्त अभियान के दौरान 2014 में मारे गए सैनिक स्टाफ सार्जेंट ओरोन शॉल का शव या अवशेष बरामद किए...
इंटरनेशनल डेस्क। इजराइल और हमास के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम के दौरान इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक महत्वपूर्ण सूचना दी है। IDF ने बताया कि उसने गाजा पट्टी में एक गुप्त अभियान के दौरान 2014 में मारे गए सैनिक स्टाफ सार्जेंट ओरोन शॉल का शव या अवशेष बरामद किए हैं। ओरोन शॉल को 2014 में गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के दौरान हमास के लड़ाकों ने मार दिया था।
गुप्त अभियान और शव की बरामदगी
यह अभियान IDF और शिन बेट सुरक्षा एजेंसी ने मिलकर चलाया था जिसमें नौसेना की शायेत 13 कमांडो यूनिट और सैन्य खुफिया निदेशालय की कई खास यूनिट शामिल थी। हालांकि IDF ने यह जानकारी नहीं दी है कि ऑपरेशन कब हुआ या गाजा के किस हिस्से में शव मिला।
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शव की पहचान और परिवार को सूचना
ओरोन शॉल का शव अब इजराइल लाया गया है और अबू कबीर फोरेंसिक संस्थान में पहचान के लिए भेजा गया। जांच के बाद शॉल के परिवार को इस बारे में सूचित किया गया।
2014 गाजा-हमास युद्ध
20 जुलाई 2014 को इजराइल के गोलानी ब्रिगेड की 13वीं बटालियन के सैनिक गाजा शहर के शेजाया इलाके में पहुंचे थे। उनकी M-113 बख्तरबंद कार्मिक व्हीकल (APC) एक संकरी गली में फंस गई थी। इसे निकालने की कोशिश करते वक्त हमास के लड़ाकों ने एंटी-टैंक मिसाइलों से हमला किया जिसके कारण ओरोन शॉल सहित सात इजराइली सैनिक मारे गए। हमास ने शॉल का शव अपने पास रख लिया था।
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गाजा-हमास युद्ध के दौरान भारी नुकसान
2014 का गाजा-हमास युद्ध 50 दिनों तक चला था जिसमें भारी जानमाल का नुकसान हुआ। युद्ध के दौरान करीब 2,251 फिलिस्तीनी मारे गए जिनमें 1,462 नागरिक थे जिनमें 551 बच्चे और 299 महिलाएं शामिल थीं। वहीं 66 इजराइली सैनिक और पांच इजराइली नागरिकों की भी जान गई थी। इस संघर्ष में 11,231 फिलिस्तीनी घायल हुए थे जिनमें से कई लोगों को जीवनभर विकलांगता का सामना करना पड़ा।
वहीं यह घटना गाजा-इजराइल संघर्ष में एक और दर्दनाक अध्याय जोड़ती है और ओरोन शॉल के परिवार के लिए एक कठिन समय है क्योंकि उन्हें लंबे समय बाद अपने प्रिय सदस्य का शव मिला है।