भारतीय डॉक्टरों के बिना अमेरिका की स्वास्थ्य सेवा संकट में, ग्रीन कार्ड में तेजी जरूरी: AAPI

Edited By Tanuja,Updated: 06 Oct, 2024 12:53 PM

the process of  green card  for indian doctors should be expedited aapi

अमेरिका (US) में भारतीय मूल के चिकित्सकों के एक प्रमुख संगठन के अध्यक्ष ने आगामी चुनाव के बाद सरकार बनाने वाले अमेरिकी प्रशासन से...

New York: अमेरिका (US) में भारतीय मूल के चिकित्सकों के एक प्रमुख संगठन के अध्यक्ष ने आगामी चुनाव के बाद सरकार बनाने वाले अमेरिकी प्रशासन से आव्रजन एवं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधारों को प्राथमिकता देने और भारत के चिकित्सा पेशेवरों के लिए ‘ग्रीन कार्ड' (Green Card) जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आह्वान किया है। अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। ‘अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन' (AAPI) के अध्यक्ष डॉ. सतीश कथुला (Dr. Satish Kathula) ने ‘  विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारतीय  चिकित्सकों के बिना अमेरिका की स्वास्थय सेवाएं चरमरा डाएंगी।   सभी लोगों की स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करना, आव्रजन और वीजा, चिकित्सा में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, विविधता और भेदभाव का विरोध- ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें अगले ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) प्रशासन को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

AAPI 1982 में स्थापित किया गया था। यह अमेरिका में भारतीय मूल के 1,20,000 से अधिक चिकित्सकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा जातीय चिकित्सा संगठन है। कथुला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसे कई चिकित्सक हैं जिनके पास 15-20 साल से अमेरिका में रहने के बाद भी एच-1बी कार्य वीजा ही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन्हें ‘ग्रीन कार्ड' देने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना होगा ताकि वे अमेरिका में रह सकें और अपने वीजा की स्थिति की चिंता किए बिना अपना काम जारी रख सकें।'' उन्होंने कहा कि इनमें से कई चिकित्सक देश में ऐसे स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं जहां चिकित्सकीय सेवाओं की पहुंच बहुत कम है। एच-1बी कार्य वीजा पर रह रहे हजारों चिकित्सक ऐसे स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं जहां स्थानीय चिकित्सक जाना नहीं चाहते।

 

कथुला ने कहा, ‘‘अगर वे (H-1B वीजा धारक चिकित्सक) वास्तव में चले जाते हैं, तो कुछ शहरों में पूरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी, इसलिए हमें ‘ग्रीन कार्ड' जारी करने की प्रक्रिया को वास्तव में तेजी से आगे बढ़ाना होगा और इसे प्राथमिकता देनी होगी। सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को समझना चाहिए कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।'' कथुला ने कहस, ‘‘(ग्रीन कार्ड जारी करते समय) उन लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो बीमार लोगों की वास्तव में देखभाल कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि अमेरिका में हर सातवें मरीज का उपचार भारतीय मूल का कोई चिकित्सक कर रहा है। एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है, जिनके लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।  

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