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अमेरिका-चीन में छिड़ा ट्रेड वार, संकट में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 11 Apr, 2025 09:09 PM

trade war america and china neighbouring country pakistan in trouble

अंतरराष्ट्रीय राजनीति और वैश्विक व्यापार में इस समय एक बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध ने अब नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उसके सामानों पर...

इंटरनेशनल डेस्क: अंतरराष्ट्रीय राजनीति और वैश्विक व्यापार में इस समय एक बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध ने अब नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उसके सामानों पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। ट्रंप ने यह भी कहा कि जो देश अमेरिका के साथ बातचीत के जरिए व्यापार विवाद सुलझाना चाहते हैं उनके लिए 90 दिन तक सिर्फ 10 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा नया ट्रेड वॉर अब सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं रह गया है। इसका असर भारत सहित दुनिया के कई देशों पर पड़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी में आ गया है पाकिस्तान। पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब इस व्यापारिक जंग के कारण और गहरे संकट में फंसता दिख रहा है।

क्या है अमेरिका-चीन का ट्रेड वॉर?

ट्रेड वॉर यानी व्यापार युद्ध तब होता है जब दो देश एक-दूसरे के सामानों पर भारी टैक्स या प्रतिबंध लगा देते हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, टेक प्रोडक्ट्स जैसे कई सामानों पर भारी शुल्क लगा दिया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर टैक्स बढ़ा दिए। इससे दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात पर असर पड़ा है और पूरी दुनिया की सप्लाई चेन डगमगा गई है।

पाकिस्तान कैसे आया बीच में?

पाकिस्तान चीन का घनिष्ठ मित्र और व्यापारिक सहयोगी रहा है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा जैसा है। लेकिन जब चीन के सामानों पर अमेरिका ने टैक्स बढ़ाया तो चीन को अपने माल के लिए नए बाजार की जरूरत पड़ी। ऐसे में चीन ने पाकिस्तान में और निवेश करना शुरू किया जिससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ और बढ़ गया। साथ ही अमेरिका की नीतियों के चलते पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अन्य संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल होता जा रहा है। अमेरिका, जो IMF में एक अहम भूमिका निभाता है, अब पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता को लेकर चिंतित है और इसीलिए वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने में टाल-मटोल कर रहा है।

आर्थिक नुकसान के आंकड़े

पाकिस्तान की आम जनता पर इस ट्रेड वॉर का सीधा असर पड़ा है। चीनी सामान महंगा हो गया है, जिससे रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं अब आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहले से ही चरमराई हुई थीं और अब और बदतर हो गई हैं।

चीन की रणनीति और पाकिस्तान की उलझन

चीन चाहता है कि पाकिस्तान उसकी रणनीतिक परियोजनाओं का हिस्सा बना रहे। इसके लिए वह कर्ज देता है और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करता है। लेकिन इस निवेश के बदले पाकिस्तान की स्वायत्तता भी खतरे में पड़ती दिख रही है। अमेरिका को यह बात बिल्कुल नहीं भा रही और वह पाकिस्तान को 'चीन के पाले' में जाने से रोकना चाहता है।

 

 

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