तनाव के बीच उज्जल दोसांझ का बड़ा बयान, कहा- ट्रूडो खालिस्तानियों पर कार्रवाई करने में विफल

Edited By Pardeep,Updated: 16 Oct, 2024 10:52 PM

trudeau failed to take action against khalistanis  ujjal dosanjh

कनाडा और भारत के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निझर की हत्या पर भारत और कनाडा ने कई वरिष्ठ राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया. इस सब के दौरान कनाडा ने भारत पर कई आरोप भी लगाए हैं।

इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा और भारत के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। इस बीच खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निझर की हत्या पर भारत और कनाडा ने कई वरिष्ठ राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया. इस सब के दौरान कनाडा ने भारत पर कई आरोप भी लगाए हैं। इन सबके बीच कनाडा के एक न्यूज चैनल सीबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में ब्रिटिश कोलंबिया के भारतीय मूल के पूर्व प्रधानमंत्री उज्जल देव दोसांझ ने कनाडा और भारत के बीच ताजा घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने कनाडा की लिबरल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत और कनाडा द्वारा किए जा रहे जैसे को तैसा का आम कनाडाई लोगों के लिए कोई मतलब नहीं है। कनाडा और भारत के संबंधों का एक लंबा इतिहास है लेकिन वर्तमान में यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। कनाडा सरकार खालिस्तान से जुड़े मुद्दों पर काबू पाने में नाकाम रही है। 

इस बीच दोसांझ ने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। ऐसे हालात भारत के परमाणु परीक्षण के दौरान भी नहीं बने थे। कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा जिस तरह से माहौल खराब किया जा रहा है, उससे कनाडा के लोग तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया हादसे के दौरान, न पहले और न ही अब हालात बदले हैं। खालिस्तानी खुलेआम भड़काऊ भाषण दे रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब से कनाडा के प्रधानमंत्री ने शपथ ली है और पद संभाला है, तब से वह खालिस्तानियों से घिरे हुए हैं। ये लोग उनके सर्कल में हैं, उनकी कैबिनेट में हैं और जगमीत सिंह की पार्टी से भी इनका गठबंधन है। जो खुद खालिस्तानी हैं। हालांकि, उन्होंने कभी हिंसा नहीं भड़काई। खालिस्तानी लंबे समय से समुदाय के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं, जिसमें एयर इंडिया की घटना भी शामिल है। अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है। कनाडा विफल हो गया है. हम यह सलाह नहीं दे रहे हैं कि भारत सरकार को क्या करना चाहिए बल्कि यह कह रहे हैं कि कनाडा के लोग भी इससे पीड़ित हैं। 

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार तो जो कर सकती है वो कर रही है लेकिन कनाडा की सरकार कुछ नहीं कर सकती. कनाडा के लोगों को खतरों से बचाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस दुनिया में दोहरे मापदंड हैं। अगर अमेरिका कहीं हमला करता है तो हर कोई उसे सही कदम बताता है, लेकिन अगर भारत ऐसा करता है तो उसकी निंदा की जाती है। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कनाडा ने भारत के साथ कुछ गलत किया है बल्कि मैं यह कह रहा हूं कि कनाडाई सरकार ने कनाडाई लोगों को इस हिंसा से बचाने के लिए क्या किया है। कोई नहीं देख रहा है और किसी को परवाह नहीं है। 

इस दौरान पत्रकार के इस सवाल पर कि अब कनाडा को क्या करना चाहिए, दोसांझ ने कहा कि कनाडा को खालिस्तान के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उन्हें खालिस्तानियों को घृणा अपराध करने से रोकना चाहिए और कनाडा के मित्र देश के बारे में बयान देना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात दूसरे देशों में कभी नहीं हुए, चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो या अमेरिका। इतना ही नहीं, 1984 के बाद ऐसे हालात नहीं बने। ये समझ से परे है कि ऐसे हालात क्यों हैं। ब्राउन लोग अपने ही लोगों को मार रहे हैं। बड़े-बड़े राजनेता कुछ नहीं कर रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं।

आपको बता दें कि आज एक ताजा घटना में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ अपने सीधे संबंध को स्वीकार किया है। पन्नू ने दावा किया कि वह पिछले तीन साल से ट्रूडो के सीधे संपर्क में था और उसने भारत के खिलाफ जानकारी दी थी, जिस पर ट्रूडो ने कार्रवाई की थी। पिछले साल खालिस्तानी समर्थक निजहर की हत्या के मामले में कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद सोमवार को कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। इस बीच कनाडाई चैनल सीबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में पन्नू ने कहा कि यह कार्रवाई उनके कहने पर की गई है।

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