Edited By Tanuja,Updated: 27 Jan, 2025 12:19 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 180 देशों को दी जाने वाली अमेरिकी विदेशी सहायता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना ...
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 180 देशों को दी जाने वाली अमेरिकी विदेशी सहायता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी मदद "अमेरिका फर्स्ट" नीति के अनुरूप हो। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि 85 दिनों के भीतर इस सहायता की व्यापक समीक्षा की जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्रालय और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) द्वारा वितरित सहायता की समीक्षा के आदेश दिए हैं।
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यह कदम ट्रम्प के चुनावी वादों का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने विदेशी सहायता को सीमित कर घरेलू जरूरतों को प्राथमिकता देने की बात कही थी। इसमें PEPFAR कार्यक्रम के तहत HIV/AIDS के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीकी देशों को दी जा रही सहायता प्रभावित हो सकती है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि मेहनतकश करदाताओं के धन का उपयोग केवल उन्हीं क्षेत्रों में होना चाहिए, जो अमेरिका के राष्ट्रीय हित में हों। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, "अमेरिका अब अंधाधुंध तरीके से धन नहीं देगा। यह नैतिक रूप से सही है कि हम अपनी सहायता नीति की समीक्षा करें।"
किन देशों को अधिक प्रभावित किया
2023 में अमेरिका ने कुल 5.51 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी थी। इसमें शामिल प्रमुख देश:
- बांग्लादेश : ₹3,320 करोड़
- पाकिस्तान : ₹1,920 करोड़
- भारत ₹: 1,322 करोड़
- श्रीलंका : ₹1,000 करोड़
- नेपाल : ₹960 करोड़
हालांकि, इज़राइल और मिस्र को दी जाने वाली सहायता को इस आदेश से बाहर रखा गया है। इज़राइल को 60,000 करोड़ रुपए की सैन्य सहायता और मिस्र को 12,000 करोड़ रुपए की मदद जारी रहेगी।
युद्धग्रस्त यूक्रेन और अन्य क्षेत्रों पर असर
यूक्रेन : अमेरिकी सैन्य मदद (₹5 लाख करोड़) जारी रखने पर निर्णय लंबित।
ताइवान : प्रस्तावित ₹5,000 करोड़ की सैन्य सहायता पर अनिश्चितता।