Edited By Pardeep,Updated: 01 Mar, 2025 10:11 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान में छोड़े गए लगभग 7 अरब डॉलर के सैन्य उपकरणों की वापसी की मांग की है, जिसे तालिबान ने पूरी तरह से नकार दिया है।
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान में छोड़े गए लगभग 7 अरब डॉलर के सैन्य उपकरणों की वापसी की मांग की है, जिसे तालिबान ने पूरी तरह से नकार दिया है। ट्रंप का कहना है कि यह सैन्य उपकरण अमेरिका की संपत्ति हैं और इनकी वापसी होनी चाहिए, जबकि तालिबान ने इन उपकरणों को अब अफ़ग़ानिस्तान की संपत्ति करार दिया है। तालिबान का दावा है कि ये सभी उपकरण अब उनकी ताकत को और बढ़ाने का काम करेंगे और अफ़ग़ानिस्तान की सेना को सक्षम बनाएंगे।
यह मुद्दा तब और जटिल हो गया जब ट्रंप ने इसे आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के संदर्भ में उठाया। उनका यह बयान एक तरह से तालिबान पर दबाव बनाने के लिए प्रतीत होता है, ताकि अमेरिकी पक्ष को अफ़ग़ानिस्तान से निकासी के बाद की स्थिति में मजबूत किया जा सके। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन उपकरणों की वापसी से तालिबान को क्षेत्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सैन्य क्षमता में वृद्धि हो सकती है और वे क्षेत्रीय ताकत के रूप में उभर सकते हैं।
अमेरिका ने 2021 में अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के बाद वहां सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा छोड़ दिया था। इनमें हेलीकॉप्टर, ड्रोन, हल्के हथियार, और अन्य सैन्य सामग्री शामिल थीं, जो तालिबान के हाथों में चली गईं। अमेरिकी सरकार का यह मानना है कि इन उपकरणों की वापसी अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सैन्य ताकत को संतुलित कर सकती है, लेकिन तालिबान का दावा है कि अब ये उपकरण अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों और उनके सैन्य बलों की संपत्ति हैं और उन्हें किसी भी कीमत पर लौटाए नहीं जाएंगे।
यह स्थिति दोनों पक्षों के बीच संबंधों को और जटिल बना रही है और इस मुद्दे पर किसी भी तरह के समझौते का मार्ग कठिन होता जा रहा है। अमेरिका के लिए यह एक कठिन निर्णय होगा, क्योंकि यह न केवल उसकी विदेश नीति से जुड़ा है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी इसका राजनीतिक महत्व है।