Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Jan, 2025 01:53 PM
अमेरिका में हर चार साल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेते हैं। इस दिन का महत्व बहुत गहरा है और इसके पीछे एक खास इतिहास छिपा हुआ है। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र और उसके संविधान में एक...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका में हर चार साल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बाद, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेते हैं। इस दिन का महत्व बहुत गहरा है और इसके पीछे एक खास इतिहास छिपा हुआ है। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र और उसके संविधान में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक है। आइए जानते हैं क्यों 20 जनवरी की तारीख अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इतनी महत्वपूर्ण है और इसके पीछे का दिलचस्प इतिहास।
20 जनवरी क्यों है राष्ट्रपति शपथ ग्रहण का दिन?
अमेरिका में राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को ही होता है, और यह परंपरा साल 1937 से चली आ रही है। इस दिन को "इनॉग्रेशन डे" (Inauguration Day) कहा जाता है, जब नया राष्ट्रपति अपने पद की शपथ लेता है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह तारीख क्यों तय की गई? तो इसका जवाब अमेरिकी संविधान के 20वें संशोधन से जुड़ा है। साल 1933 तक, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद शपथ ग्रहण की तारीख 4 मार्च हुआ करती थी, यानी चुनाव के बाद करीब दो महीने का समय लगता था। लेकिन यह प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल हो गई थी, जिससे सरकार के कामकाज में देरी होती थी।
20वें संशोधन का प्रभाव क्या है?
20वें संशोधन को साल 1933 में लागू किया गया और इसके तहत 20 जनवरी को शपथ ग्रहण का दिन तय किया गया। इस बदलाव का उद्देश्य था कि नए राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत जल्दी हो, ताकि प्रशासन में कोई रुकावट न आए। यह बदलाव सबसे पहले राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के समय हुआ, जिन्होंने 20 जनवरी 1937 को शपथ ली। तब से यह परंपरा चली आ रही है कि हर राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही शपथ लेता है।
शपथ ग्रहण की परंपरा क्या है?
अमेरिका में चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले मंगलवार को होते हैं। इसके बाद निर्वाचित राष्ट्रपति को 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करनी होती है। इस दिन न सिर्फ राष्ट्रपति, बल्कि उपराष्ट्रपति भी अपने पद की शपथ लेते हैं। यह दिन अमेरिकी लोकतंत्र का जश्न होता है, जिसमें पूरे देश में उत्सव का माहौल होता है और दुनियाभर के नेता इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनने के लिए वॉशिंगटन पहुंचते हैं।
संविधान में बदलाव का इतिहास क्या कहता है?
20वें संशोधन का प्रस्ताव नेब्रास्का के सीनेटर जॉर्ज नॉरिस ने दिया था, जो एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में सामने आया। इस संशोधन ने अमेरिकी प्रशासन की गति को बढ़ाया और यह सुनिश्चित किया कि सत्ता सुचारु रूप से हो सके।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण
आगामी 20 जनवरी, 2025 को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस परंपरा का पालन करते हुए शपथ लेंगे। इस दिन वॉशिंगटन डी.सी. में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न देशों के नेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारत से विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।