Edited By Tanuja,Updated: 04 Mar, 2025 02:53 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक लगाने के फैसले की कीव ने कड़ी निंदा की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की व अधिकारियों का कहना है कि...
Washington:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक लगाने के फैसले की कीव ने कड़ी निंदा की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की व अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से रूस के सामने आत्मसमर्पण करने की नौबत आ सकती है। यूक्रेन की संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ने रॉयटर्स से कहा, "यह सहायता रोकना बेहद खतरनाक है। ऐसा लगता है कि ट्रंप कीव को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर रहे हैं।" व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने सोमवार को इस फैसले की घोषणा की। इस फैसले ने कीव और उसके यूरोपीय सहयोगियों में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि इससे रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा कमजोर पड़ सकती है।
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डेमोक्रेट्स ने किया ट्रंप के फैसले का विरोध
डोनाल्ड ट्रंप पहले से ही यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता को लेकर संशय में रहे हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने सहायता रोकने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया "राष्ट्रपति शांति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे साझेदार भी इसी लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध रहें। इसलिए, हम अपनी सहायता की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि यह किसी समाधान की ओर ले जाए।" न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस रोक का असर करोड़ों डॉलर की सैन्य आपूर्ति पर पड़ेगा, जो पहले ही यूक्रेन के लिए स्वीकृत की जा चुकी थी। अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे "गैरकानूनी और विनाशकारी" बताया। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के शीर्ष डेमोक्रेट सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने कहा, "जिन रिपब्लिकन नेताओं ने पुतिन को युद्ध अपराधी बताया था और यूक्रेन को समर्थन देने की बात कही थी, उन्हें ट्रंप से यह प्रतिबंध तुरंत हटाने की मांग करनी चाहिए।"
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ट्रंप की चेतावनी और ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस में एक बयान में ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की को अमेरिका की मदद के लिए "अधिक आभार प्रकट करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "अगर ज़ेलेंस्की ने जल्द ही रूस के साथ युद्धविराम समझौता नहीं किया, तो वह ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएंगे।" इस पर ज़ेलेंस्की ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "यूक्रेन युद्ध समाप्त करना चाहता है, लेकिन इसका हल ठोस सुरक्षा गारंटी के बिना संभव नहीं है।" ज़ेलेंस्की ने अपने बयान में कहा, "11 साल पहले यूक्रेन को सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी गई थी, जिससे रूस ने पहले क्रीमिया पर कब्जा किया, फिर डोनबास में युद्ध शुरू किया और आखिरकार पूर्ण पैमाने पर आक्रमण कर दिया।"
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यूरोपीय देशों में हलचल
अमेरिकी सहायता पर रोक लगने के बाद यूरोपीय देशों में चिंता बढ़ गई है। ब्रिटेन और फ्रांस एक महीने के संघर्षविराम की योजना बना रहे हैं और इस युद्ध को रोकने के लिए अतिरिक्त सैन्य सहयोग देने की संभावना तलाश रहे हैं। जर्मनी के संभावित नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने ट्रंप के फैसले को "जानबूझकर किया गया तनाव बढ़ाने वाला कदम" करार दिया और कहा कि यह रूस को और ज्यादा बढ़ावा देगा। फ्रांस के यूरोपीय मामलों के मंत्री बेंजामिन हद्दाद ने कहा, "अगर आप वास्तव में शांति चाहते हैं, तो क्या यूक्रेन को हथियार भेजने से रोकना सही निर्णय है? नहीं, यह केवल रूस को और मजबूत करेगा।"