Donald Trump की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति भारत की 'इंडिया फर्स्ट' नीति के समान - Tulsi Gabbard

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Mar, 2025 03:54 PM

trump s america first policy is similar to india s india first policy

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका की अलगाववादी नीति के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही थी। इसी बीच मंगलवार को भारत दौरे पर आईं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने कहा कि ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति को "अकेले अमेरिका"...

इंटरनेशनल डेस्क। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका की अलगाववादी नीति के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही थी। इसी बीच मंगलवार को भारत दौरे पर आईं राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने कहा कि ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति को "अकेले अमेरिका" के रूप में गलत नहीं समझा जाना चाहिए। गब्बार्ड ने दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका फर्स्ट और प्रधानमंत्री मोदी की इंडिया फर्स्ट नीति में समानताएं हैं।

गब्बार्ड ने कहा, "किसी भी नेता से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने देश और अपने लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा और उसके निर्णयों में यह ध्यान में रखेगा। ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति को गलत तरीके से समझा नहीं जाना चाहिए। ट्रंप अन्य देशों के साथ रिश्तों के महत्व को समझते हैं और वह साझा हितों के लिए काम करने में विश्वास रखते हैं।"

 

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गब्बार्ड ने भारतीय अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान भारत की सुरक्षा को लेकर "गंभीर चिंताओं" का जिक्र किया। हालांकि जब उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात की तो उन्होंने सिख फॉर जस्टिस जैसे समूहों का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया जिन पर भारत चाहता है कि अमेरिका प्रतिबंध लगाए। इसके साथ ही गब्बार्ड ने खुफिया जानकारी साझा करने के संदर्भ में भी कुछ अवसरों पर चर्चा की।

अपने संबोधन की शुरुआत गब्बार्ड ने "नमस्ते" और "जय श्री कृष्ण" के साथ की। उन्होंने कहा, "हमारे देशों के बीच साझेदारी दशकों से मजबूत रही है और यह साझेदारी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में और भी मजबूत हुई है। यह साझेदारी शांति, सुरक्षा, समृद्धि और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है।"

 

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गब्बार्ड ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि यह न केवल एक भौगोलिक क्षेत्र है बल्कि 21वीं सदी के लिए वैश्विक भू-राजनीतिक केंद्र भी है। उन्होंने कहा, "यहां शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारे सामूहिक सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है। हमे इन चुनौतियों का मिलकर सामना करना होगा और हमारी क्षमता इन समस्याओं से निपटने के लिए हमारे सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण है।"

वहीं गब्बार्ड ने यह भी कहा कि वह विश्वास करती हैं कि भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी और दोस्ती समय के साथ और भी मजबूत होती जाएगी।

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