Edited By Tanuja,Updated: 12 Jan, 2025 02:08 PM
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर चीन के नियंत्रण का दावा किया था, लेकिन अब पनामा नहर के प्रशासन ने इस दावे का खंडन किया है। ट्रंप ने आरोप लगाया...
International Desk: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर चीन के नियंत्रण का दावा किया था, लेकिन अब पनामा नहर के प्रशासन ने इस दावे का खंडन किया है। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि इस महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर चीनी सैनिकों का नियंत्रण है और अमेरिकी जहाजों से अधिक किराया वसूला जा रहा है। हालांकि, नहर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नहर पर चीनी सैनिकों का कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन फिर भी अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है।
पनामा नहर, जो प्रशांत महासागर और कैरेबियन सागर को जोड़ता है, पहले अमेरिका के नियंत्रण में थी। पनामा के स्वतंत्र होने के बाद, 1999 में पनामा ने इस नहर का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। आज यह पनामा नहर प्राधिकरण द्वारा संचालित है। हालांकि, नहर के बंदरगाहों में चीनी कंपनियों का निवेश है, जिससे कुछ सुरक्षा चिंताएँ उत्पन्न हो रही हैं।
ट्रंप ने यह दावा किया था कि पनामा नहर को चीनी सैनिक नियंत्रित करते हैं और यदि उनकी सरकार बनी तो वह सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करते हुए नहर पर नियंत्रण मांग सकते हैं। इस पर पनामा नहर के प्रशासक रिकोर्टे वास्क्यूज ने कहा कि नहर के दोनों छोर पर चीनी कंपनियां हैं, लेकिन उनका नहर पर कोई सैन्य नियंत्रण नहीं है। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने भी कहा कि नहर पर पूरी तरह से पनामा का नियंत्रण है और अमेरिकी जहाजों से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
हालांकि चीन के सैनिक पनामा नहर को नियंत्रित नहीं करते, हांगकांग स्थित कंपनी सीके हचिसन होल्डिंग्स पनामा नहर के प्रवेश द्वारों पर दो बंदरगाहों का संचालन करती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कंपनी के पास नहर से गुजरने वाले जहाजों का डेटा हो सकता है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं उत्पन्न होती हैं। हालांकि, चीन ने हमेशा पनामा नहर पर पनामा की संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही है। अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि सीके हचिसन द्वारा नियंत्रित बंदरगाहों के जरिए चीन अपनी शिपिंग गतिविधियों से विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र कर सकता है। हालांकि, पनामा नहर पर चीनी सैनिकों का कोई नियंत्रण नहीं है, फिर भी अमेरिका की सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं।