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ट्रंप के बयान पर भड़के प्रिंस सलमान; सुनाई खरी-खरी,कहा-"गाजा की एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे"

Edited By Tanuja,Updated: 05 Feb, 2025 06:09 PM

trump s suggestion take over the gaza strip rejected by allies

गाजा पट्टी पर अमेरिका का ‘स्वामित्व' स्थापित करने और फिलीस्तीनी निवासियों को स्थायी रूप से गाजा से बाहर कहीं और बसाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव को अमेरिकी समर्थकों के अलावा विरोधियों ने भी...

Dubai: गाजा पट्टी पर अमेरिका का ‘स्वामित्व' स्थापित करने और फिलीस्तीनी निवासियों को स्थायी रूप से गाजा से बाहर कहीं और बसाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव को अमेरिकी समर्थकों के अलावा विरोधियों ने भी बुधवार को खारिज कर दिया और इसकी निंदा की। ट्रंप का सुझाव व्हाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में आया और राष्ट्रपति द्वारा अपनी योजना पेश करने के दौरान नेतन्याहू कई बार मुस्कराए। इस दौरान ट्रंप ने गाजा पट्टी पर अमेरिका के ‘स्वामित्व' और फलस्तीनियों के लिए गाजा पट्टी से बाहर नई बस्तियां बनाने का सुझाव दिया ताकि युद्धग्रस्त क्षेत्र का ‘पश्चिम एशिया के तट' के रूप में पुनर्विकास किया जा सके।

 

ट्रंप ने कहा, ‘‘अमेरिका गाजा पट्टी पर स्वामित्व स्थापित कर लेगा और हम इसके साथ काम भी करेंगे। हम इसके स्वामी होंगे और इस स्थल पर सभी खतरनाक और जिंदा बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने और नष्ट हुई इमारतों को हटाने, इसे समतल करने तथा आर्थिक विकास करने के लिए जिम्मेदार होंगे जो असीमित संख्या में नौकरियां उपलब्ध कराएगा।'' यह टिप्पणी इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के बीच आई है। इस समझौते के तहत चरमपंथी समूह हमास इजराइली जेलों में बंद अपने लोगों की रिहाई के बदले में बंधकों को सौंप रहा है। मिस्र, जॉर्डन और पश्चिम एशिया के अन्य अमेरिकी सहयोगियों ने पहले ही गाजा से 20 लाख से अधिक फलस्तीनियों को इस क्षेत्र से बाहर कहीं और स्थानांतरित करने के विचार को खारिज कर दिया है।

 

अमेरिका के अहम सहयोगी सऊदी अरब ने गाजा पट्टी पर स्वामित्व हासिल करने के ट्रंप के विचार पर तीखे शब्दों में तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी करके कड़े शब्दों में कहा कि एक स्वतंत्र फिलीस्तीनी राष्ट्र का वह लंबे समय से आह्वान करता रहा है और उसका यह रुख ‘दृढ़ और अटूट' है। ट्रंप के बयान पर भड़के सऊदी अरब ने कहा-"गाजा की एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे"। बयान में कहा गया, ‘‘सऊदी अरब इस बात पर भी जोर देता है कि उसने फिलीस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों के उल्लंघन को पूरी तरह से अस्वीकार करने के बारे में पहले ही घोषणा कर दी थी, चाहे यह इजराइली निपटान नीतियों के माध्यम से किया जाए, फिलीस्तीनी भूमि पर कब्जा करके किया जाए या फिलीस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से विस्थापित करने का प्रयास किया जाए।'' इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में संवाददाताओं से कहा कि उनका देश लंबे समय से पश्चिम एशिया में दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन करता रहा है और कुछ भी नहीं बदला है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया की स्थिति वैसी ही है जैसी आज सुबह थी, जैसी पिछले साल थी, जैसी 10 साल पहले थी।'' ट्रंप ने ग्रीनलैंड की खरीद, कनाडा के विलय और पनामा नहर के संभावित अधिग्रहण का सुझाव देकर पहले ही हलचल मचा दी है जिसने इसके पुराने सहयोगियों को परेशान कर दिया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गाजा पट्टी पर कब्जा करने का विचार एक सुनियोजित योजना है या फिर बातचीत के जरिए इस दिशा में शुरुआती दांव। अल्बनीस ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों पर टिप्पणी नहीं करने जा रहा हूं। मेरा काम ऑस्ट्रेलिया की स्थिति का समर्थन करना है।'' न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दो-राष्ट्र समाधान के लिए उसका दीर्घकालिक समर्थन रिकॉर्ड में है। अमेरिका में विरोधी दल के नेताओं ने ट्रंप के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है। डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस कून्स ने ट्रंप के बयान को ‘‘आपत्तिजनक, पागलपन, खतरनाक और मूर्खतापूर्ण'' करार दिया।

 

कून्स ने कहा, ‘‘इस विचार से दुनिया के हमारे बारे में यह सोचने का जोखिम उत्पन्न हो गया है कि हम एक असंतुलित और गैर भरोसेमंद सहयोगी हैं क्योंकि हमारे राष्ट्रपति पागलपन से युक्त प्रस्ताव दे रहे हैं।'' मिशिगन से फलस्तीनी अमेरिकी सांसद रशीदा तलीब ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप पर गाजा की पूरी आबादी को फिर से बसाने के विचार के साथ ‘‘खुले तौर पर जातीय सफाए का आह्वान करने'' का आरोप लगाया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने दो-राज्य समाधान के प्रति बीजिंग के दीर्घकालिक समर्थन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हम गाजा में लोगों के जबरन स्थानांतरण का विरोध करते हैं और उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष गाजा में युद्ध विराम तथा युद्ध के बाद फिलीस्तीनी मुद्दे को सही रास्ते पर लाने के अवसर के रूप में लेंगे।”

 

तुर्किए के विदेश मंत्री हकान फिदान ने सरकारी अनादोलु एजेंसी को बताया कि गाजा से लोगों को बाहर निकालने पर ट्रंप के प्रस्ताव का न तो क्षेत्र और न ही हम समर्थन करते हैं। फिदान ने कहा, “मेरे ख्याल से इसके बारे में सोचना भी गलत और बेतुका है।” फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र से ‘फलस्तीनी लोगों और उनके अविभाज्य अधिकारों की रक्षा' करने का आह्वान किया और कहा कि ट्रंप जो करना चाहते हैं, वह ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है। 

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