Edited By Tanuja,Updated: 02 Dec, 2024 02:57 PM
अमेरिका (US) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी छोटी बेटी टिफनी ट्रंप (Tiffany Trump) के ससुर मसाद बाउलोस को अरब और मध्य पूर्व मामलों में...
Washington: अमेरिका (US) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी छोटी बेटी टिफनी ट्रंप (Tiffany Trump) के ससुर मसाद बाउलोस को अरब और मध्य पूर्व मामलों में अपना सलाहकार नियुक्त किया है। यह नियुक्ति रविवार को ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर की और बताया कि बाउलोस फिलिस्तीन के मुद्दे पर अमेरिकी नीति तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ट्रंप परिवार से जुड़े यह दूसरे व्यक्ति हैं जो अमेरिकी सरकार का हिस्सा बनेंगे। मसाद बाउलोस, जो लेबनानी मूल के अमेरिकी कारोबारी हैं, अमेरिकी मुस्लिम समुदाय और अरब देशों में काफी प्रतिष्ठित माने जाते हैं। बाउलोस का परिवार लेबनान और नाइजीरिया में व्यापार करता है और वे अंतरराष्ट्रीय मामलों में गहरी समझ रखते हैं। उनका बेटा माइकल बाउलोस, जो डोनाल्ड ट्रंप की बेटी टिफैनी के पति हैं, एक अभिनेता हैं, और उन्होंने 'द क्राउन' जैसी प्रसिद्ध फिल्म में अभिनय किया है।
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बाउलोस का प्रभाव खासतौर पर अमेरिका के मुस्लिम बहुल इलाकों में देखा जाता है। ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान भी बाउलोस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, खासकर अमेरिका के मुस्लिम समुदाय में प्रचार प्रसार में उनका योगदान उल्लेखनीय था। उनके लेबनान और नाइजीरिया जैसे देशों में व्यापारिक संबंध होने के कारण मुस्लिम समुदाय में उनकी गहरी पैठ मानी जाती है। बाउलोस को अरब और मध्य पूर्व क्षेत्र में जिम्मेदारी देने का निर्णय ट्रंप ने इसलिए लिया क्योंकि उन्हें बाउलोस के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समझ पर पूरा विश्वास है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बाउलोस की नियुक्ति का ऐलान करते हुए लिखा, "मसाद बाउलोस एक प्रतिष्ठित वकील और कारोबारी हैं, जिनका अरब और मध्य पूर्व के मामलों में अच्छा अनुभव है। उनका अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गहरी पकड़ है, इसलिए उन्हें इस क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जाती है। मुझे पूरा विश्वास है कि वह अमेरिका और उसके हितों के लिए एक बेहतरीन सलाहकार साबित होंगे।"
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बाउलोस की भूमिका इस समय खास अहमियत रखती है, खासकर फिलिस्तीन में हो रहे संघर्ष को देखते हुए। गाजा में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर ट्रंप प्रशासन की नीति का निर्धारण अब बाउलोस और उनके जैसे अन्य सलाहकारों पर निर्भर करेगा। ट्रंप चाहते हैं कि संघर्ष विराम हो, लेकिन इजरायल के हितों से कोई समझौता न किया जाए। इस संदर्भ में, बाउलोस का दृष्टिकोण और सलाह क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा। बाउलोस खुद भी युद्ध खत्म करने के पक्षधर रहे हैं और उन्होंने पहले भी इस दिशा में कई बार बयान दिए हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि वे गाजा संघर्ष के समाधान के लिए अमेरिका की नीति को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम न केवल अमेरिकी-आंतरिक नीति बल्कि मध्य पूर्व की स्थिति पर भी महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, क्योंकि बाउलोस के फैसले अमेरिका की मध्य पूर्व नीति को नया मोड़ दे सकते हैं।