Edited By Tanuja,Updated: 13 Nov, 2024 04:10 PM
चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च पदाधिकारी, आर्कबिशप ऑफ कैंटरबरी जस्टिन वेल्बी ने मंगलवार को "दुख और पछतावे" के साथ इस्तीफा दे दिया। वेल्बी...
London: चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च पदाधिकारी, आर्कबिशप ऑफ कैंटरबरी जस्टिन वेल्बी (Justin Welby ) ने मंगलवार को "दुख और पछतावे" के साथ इस्तीफा दे दिया। वेल्बी, जिन्होंने प्रिंस हैरी और मेगन मार्कल ( Prince Harry and Meghan Markle) की शादी करवाई थी, ने अपने इस्तीफे में स्वीकार किया कि उन्होंने चर्च के ग्रीष्मकालीन शिविरों में दशकों पुराने दुराचार के आरोपों की ठीक से जांच नहीं करवाई। उनकी इस विफलता के कारण हाल ही में एक स्वतंत्र रिपोर्ट ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। वेल्बी ने अपने इस्तीफे में लिखा, "चर्च ऑफ इंग्लैंड की ऐतिहासिक विफलताओं ने मुझे गहरा दुख दिया है। मैं सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ दुख साझा करता हूं और उम्मीद करता हूं कि मेरा यह निर्णय चर्च में बदलाव की गंभीर आवश्यकता को दर्शाता है।"
हाल ही में आई "मैकिन रिपोर्ट" में वेल्बी के नेतृत्व को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए। रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिटिश वकील जॉन स्मिथ ने 40 वर्षों के दौरान 100 से अधिक लड़कों और युवकों का शारीरिक और यौन शोषण किया। रिपोर्ट के अनुसार, स्मिथ ने अपने पीड़ितों को छड़ी से पीटते हुए कई बार इतना मारा कि रक्त बहने लगा और उन्हें रक्त रोकने के लिए नैपकिन दी गईं। रिपोर्ट ने बताया कि वेल्बी ने 1970 के दशक में इन शिविरों में बतौर डॉर्मिटरी अधिकारी काम किया था, जहां ये अपराध हुए।
स्मिथ ने 1984 में अफ्रीका जाकर वहां भी अपने शोषण को जारी रखा और 2018 में अपनी मृत्यु से पहले तक यही करता रहा। चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों को इन घटनाओं की जानकारी 2013 में मिल गई थी और वेल्बी को भी उसी वर्ष, आर्कबिशप बनने के बाद, इस मामले का पता चला। रिपोर्ट के अनुसार, अगर चर्च ने इसे 2013 में पुलिस को रिपोर्ट किया होता, तो शायद स्मिथ पर आरोप तय किए जा सकते थे।
आर्कबिशप ऑफ यॉर्क, स्टीफन कॉटरेल ने वेल्बी के इस्तीफे को "सही और सम्माननीय निर्णय" करार दिया। अफ्रीकी देशों जैसे नाइजीरिया और युगांडा की एंग्लिकन चर्च, जिन्होंने पिछले साल वेल्बी पर विश्वास खोने का ऐलान किया था, ने भी इस इस्तीफे का स्वागत किया। वेल्बी का कार्यकाल विवादों और चुनौतियों से भरा रहा, जिसमें समलैंगिक अधिकारों और महिला पुजारियों पर चर्च के अंदर गहरे मतभेद रहे।