मजदूर के घर में जन्मे...ब्रिटेन की सियासत में बड़ा उलटफेर करने वाले कौन हैं कीर स्टार्मर? जो बनेगे ब्रिटिश PM

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Jul, 2024 10:40 AM

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यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को 2024 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की हार स्वीकार कर ली है। जिसके चलते उन्होंने लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कीर स्टार...

UK Election Results 2024: यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को 2024 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की हार स्वीकार कर ली है। जिसके चलते उन्होंने लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कीर स्टारमर को बधाई दी है। रिजल्ट शुक्रवार शाम तक क्लियर हो जाएगा, लेकिन तस्वीर पहले ही काफी हद तक साफ हो गई है। बहुमत पार करने वाली लेबर पार्टी जीत की ओर अग्रसर है। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर, जिन्होंने ब्रिटेन की सियासत में बड़ा उलटफेर कर दिया है।
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पेशे से वकील हैं स्टार्मर
ब्रिटेन में 2 सितंबर, 1962 को जन्मे स्टार्मर पेशे से वकील हैं। लेबर पार्टी के अनुसार, उनका पूरा पेशेवर जीवन जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के लिए रहा है। वह ब्रिटेन की संसद में साल 2020 से प्रतिपक्ष और लेबर पार्टी के नेता हैं। वह 2015 से 2024 के लिए होलबोर्न और सैंट पैनक्रास से सांसद भी चुने गए हैं। स्टार्मर 2008 से 2013 तक सरकारी अभियोजन के निदेशक भी रहे हैं। 

मजदूर के घर में जन्मे स्टार्मर 
स्टार्मर पूर्वी इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक एक छोटे शहर में पले-बढ़े हैं। उनके पिता एक कारखाने में कारीगर थे और मां अस्पताल में नर्स थीं। स्टार्मर की मां को एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी थी, जिसके चलते बचपन में उन्हें काफी परेशानियां उठानी पड़ीं। इन सबके बीच स्टार्मर ने 1985 में लीड्स विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसी के साथ स्टार्मर विश्वविद्यालय जाने वाले परिवार के पहले सदस्य बन गए। 
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मानवाधिकार से जुड़े मामलों की वकालत
वकीन बनने के बाद स्टार्मर ने काफी समय तक गरीबों को मुफ्त कानूनी सलाह दी और कई बड़े मामलों की पैरवी की। उन्हें मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। स्टार्मर ने उत्तरी आयरलैंड पुलिसिंग बोर्ड के मानवाधिकार सलाहकार के रूप में भी काम किया है। 2002 में उन्हें क्वीन्स काउंसिल नियुक्त किया गया। कानून और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में सेवाओं के लिए 2014 में स्टार्मर को 'नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द बाथ' नियुक्त किया गया।
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उन्होंने कैरेबियन और अफ्रीका में मौत की सजा का सामना करने वाले कैदियों के लिए भी वकालत की। मैकडॉनल्ड्स के पर्यावरणीय दावों की आलोचना करने वाले कार्यकर्ताओं को अपनी निशुल्क सेवा दी। इससे न्याय के चैंपियन के रूप में उन्हें देखा जाने लगा। स्टार्मर को आपराधिक न्याय में उनके योगदान के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने नाइट की उपाधि दी। लेकिन शायद ही वह अपने नाम के आगे 'सर' शब्द का इस्तेमाल करते हों।

कैसा रहा सियासी सफर?
स्टार्मर पहली बार 2015 में संसद के लिए चुने गए. इसके बाद वे एक साल तक ब्रिटेन की शैडो कैबिनेट में आव्रजन मंत्री थे. इसके अलावा स्टार्मर 2016 से 2020 तक यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकलने के लिए शैडो राज्य सचिव भी थे. अप्रैल 2020 में स्टार्मर को लेबर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया, लेकिन इसके ठीक बाद उनकी पार्टी को 85 सालों में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। 
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राजनीति में की देर से एंट्री
राजनीति में स्टार्मर की एंट्री अपेक्षाकृत देर से हुई। 52 वर्ष की आयु में वह राजनीति में आए। तब 2015 में वह होलबोर्न और सेंट पैनक्रास के सांसद बने। एक कुशल वकील होना उनके लिए राजनीति में बेहद काम आया। इसने उनकी प्रतिष्ठा मजबूत की और राजनीति में आगे बढ़ाया। जल्द ही उनके रैंक बढ़ने लगे। उन्होंने पूर्व लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन के अधीन ब्रेक्सिट सचिव के रूप में कार्य किया। स्टार्मर के प्रमुख नीतिगत वादे उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण को दिखाते हैं। उन्होंने नेशनल हेल्थ सर्विस की वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए साप्ताहिक नियुक्तियों को बढ़ाने का वादा किया है।

स्टार्मर के ये हैं वादे
इमीग्रेशन को लेकर उन्होंने 'सीमा सुरक्षा कमान' की स्थापना करने की योजना बनाई है। यह कमान छोटी नावों के जरिए अवैध तरीके से लोगों को देश में आने से रोकेगी। आवास क्षेत्र में स्टार्मर का लक्ष्य पहली बार घर खरीदने वालों को बढ़ावा देना है। इसके लिए एक ऐसी योजना शुरू की जाएगी जो उन्हें नए आवास विकास में प्राथमिकता देगी। साथ ही 15 लाख नए घर बनाने के लिए कानूनों में सुधार का वादा किया है। शिक्षा उनकी एक और प्राथमिकता है। स्टार्मर ने 6,500 शिक्षकों की भर्ती करने और प्राइवेट स्कूलों के लिए टैक्स समाप्त करने का वादा किया है।
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क्या है कीर की विदेश नीति?
विदेश नीति पर, रूस के साथ चल रहे संघर्ष में लेबर पार्टी यूक्रेन के लिए समर्थन जारी रख सकती है। हालांकि इजरायल-गाजा विवाद के दृष्टिकोण में कुछ बदलाव की उम्मीद है, क्योंकि लेबर इजरायल को हथियारों की बिक्री रोकने की योजना बना रही है और फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है। 


 

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