Edited By Tanuja,Updated: 05 Nov, 2024 11:12 AM
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कांटे की टक्कर है और इनकी किस्मत सात महत्वपूर्ण राज्यों पर निर्भर करेगी...
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कांटे की टक्कर है और इनकी किस्मत सात महत्वपूर्ण राज्यों पर निर्भर करेगी। ये राज्य हैं: एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन, जिनके पास 93 इलेक्टोरल वोट हैं। इन राज्यों में जीत किसी भी उम्मीदवार के लिए राष्ट्रपति बनने की राह कोआसान कर सकती है। राज्य हैं जो चुनाव के दौरान डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव करते हैं। इन राज्यों में हमेशा नतीजे करीब-करीब बराबर होते हैं, जिसके चलते ये चुनावी स्थलों का केन्द्र बन जाते हैं। हाल ही में, दोनों प्रमुख उम्मीदवारों ने पेंसिल्वेनिया में बड़े रैलियों का आयोजन किया, जोइनराज्यों में सबसे बड़ा है और इसमें 19 इलेक्टोरल वोट हैं।
विशेष राज्यों पर ध्यान
कमला हैरिस की जीत के लिए पेंसिल्वेनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन बहुत अहम हैं। इन्हें "ब्लू वॉल" के नाम से जाना जाता था, जो डेमोक्रेटिक के गढ़ माने जाते थे। 2016 में ट्रम्प ने इन राज्यों को अपने पक्ष में किया था, लेकिन 2020 में जो बाइडेन ने इन राज्यों को पुनः डेमोक्रेट्स के पक्ष में लौटाया।
- पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल वोट्स) : पेंसिल्वेनिया ने अक्सर डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों का समर्थन किया है, लेकिन 2016 में ट्रम्प ने यहां केवल 0.7% से जीत दर्ज की। 2020 में, बाइडेन ने यहां 1.2% से जीत हासिल की।
- मिशिगन (15 इलेक्टोरल वोट्स) : मिशिगन ने लगातार विजेता को वोट दिया है। ट्रम्प की 2016 में जीत एक बड़ा उलटफेर था। 2020 में, बाइडेन ने लगभग 154,000 मतों के अंतर से यहां जीत हासिल की।
- विस्कॉन्सिन (10 इलेक्टोरल वोट्स) : यह राज्य भी पिछले चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवार का समर्थन करता रहा है। यहां जीत हासिल करना हैरिस के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
- एरिज़ोना (11 इलेक्टोरल वोट्स): बाइडेन की सफलता के बाद, एरिज़ोना अब दोनों उम्मीदवारों के लिए प्राथमिकता बना हुआ है।
- जॉर्जिया (16 इलेक्टोरल वोट्स) : बाइडेन ने 2020 में जॉर्जिया जीता, जो डेमोक्रेट्स के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी। अगर हैरिस इसे फिर से जीतती हैं, तो इससे उनके कुल इलेक्टोरल वोट्स में बढ़ोतरी होगी।
- नॉर्थ कैरोलिना (16 इलेक्टोरल वोट्स) : इस राज्य का झुकाव पारंपरिक रूप से रिपब्लिकन की ओर रहा है, लेकिन यह अभी भी प्रतिस्पर्धात्मक है।
- नेवादा (6 इलेक्टोरल वोट्स) : यह राज्य आमतौर पर डेमोक्रेटिक के झुकाव की ओर होता है, लेकिन अब इसमें रिपब्लिकन के लिए भी संभावनाएँ हैं।
जीत की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि हैरिस को 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करने के लिए लगभग 45 अतिरिक्त वोटों की आवश्यकता पड़ेगी। पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, और विस्कॉन्सिन को जीतना उनके लिए आवश्यक होगा। इस बीच, ट्रम्प को 2016 में जीते गए राज्यों, खासकर पेंसिल्वेनिया और मिशिगन, को फिर से पाने की जरूरत होगी। अंतिम तैयारियों में, हैरिस ने एकता और सामुदायिक समर्थन पर जोर दिया है, वहीं ट्रम्प ने वर्तमान प्रशासन की आलोचना और आर्थिक सुधार का वादा किया है। चुनावी नतीजे इन राज्यों के मतदान पर निर्भर करेंगे, जो आगामी चुनाव को बेहद रोमांचक बना देंगे।
डेमोक्रेटिक पार्टी के मतदान में भारी कमी
चुनाव में मतदान के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी मतदान में भारी कमी का सामना कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव प्रचार अभियान टीम ने सोमवार को यह दावा किया। सोमवार तक आठ करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और कुछ अहम राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता पहले ही मतदान कर चुके हैं।
बीते दो चुनावों के रुझान दर्शाते हैं कि समय पूर्व मतदान करना डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए फायदेमंद रहा है। ट्रंप की चुनाव प्रचार अभियान टीम ने एक गोपनीय ज्ञापन में तर्क दिया कि इस बार ऐसा नहीं हो सकता। ट्रंप की चुनाव प्रचार अभियान टीम के मुख्य डाटा सलाहकार टिम सेलर ने कहा, ‘‘प्रारंभिक मतदान बंद होने और चुनाव का दिन करीब आने के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी को मतदान में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। हर एक अहम राज्य में हम पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी को पिछले चुनावों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए देख रहे हैं।'' डेमोक्रेटिक पार्टी के अपने ‘डेटा विश्लेषकों' के अनुसार, ‘‘डेटा का गहराई से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि डेमोक्रेटिक पार्टी शहरी मतदान में भारी गिरावट का सामना कर रही है और ग्रामीण मतदान में वृद्धि दिख रही है।''