Edited By Rahul Rana,Updated: 27 Nov, 2024 09:13 AM
अमेरिका में 2003 में कैलिफोर्निया की एक बायोटेक कंपनी में हुए बम धमाके के आरोपी डेनियल आंद्रेस सैन डिएगो को 21 साल बाद ब्रिटेन के वेल्स से गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने दी है। आरोपी डेनियल सैन डिएगो एक पशु...
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका में 2003 में कैलिफोर्निया की एक बायोटेक कंपनी में हुए बम धमाके के आरोपी डेनियल आंद्रेस सैन डिएगो को 21 साल बाद ब्रिटेन के वेल्स से गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने दी है। आरोपी डेनियल सैन डिएगो एक पशु अधिकार कार्यकर्ता था जिसने बायोटेक कंपनी में बम धमाका किया था।
कैलिफोर्निया के बम धमाके का मामला
सैन डिएगो पर आरोप है कि उसने अगस्त 2003 में कैलिफोर्निया के ओकलैंड के पास एक बायोटेक फर्म "चिरोन इंक" में दो बम लगाए थे। हालांकि दूसरे बम को जांच अधिकारियों ने निष्क्रिय कर दिया था। इसके बाद सैन डिएगो ने एक महीने बाद कैलिफोर्निया की एक और कंपनी में तीसरा बम लगाया लेकिन इन धमाकों में किसी को चोट नहीं आई थी।
आरोपी का गिरफ्तारी और अभियोजन
एफबीआई ने बताया कि डेनियल सैन डिएगो को ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी आतंकवाद निरोधक पुलिस और उत्तरी वेल्स पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी एफबीआई के साथ समन्वय में हुई। डिएगो पर 2009 में आरोप तय किया गया था और वह तब से फरार था।
क्या थे धमाकों के पीछे के कारण?
सैन डिएगो और उसके सहयोगियों ने ये बम धमाके एक पशु अधिकार संगठन "रिवोल्यूशनरी सेल्स" के तहत किए थे। यह संगठन बायोटेक कंपनियों द्वारा पशुओं पर किए गए परीक्षणों के विरोध में था विशेष रूप से "हटिंगडन लाइफ साइंसेज" नामक कंपनी द्वारा। इस कंपनी पर आरोप था कि वह पशुओं पर क्रूरता करती है जिससे पशु अधिकार संगठन नाराज था। इसके परिणामस्वरूप सैन डिएगो ने बम विस्फोटों को अंजाम दिया।
एफबीआई का बयान
एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई साबित करती है कि चाहे कोई भी संदिग्ध कितने भी साल तक भागे जांच एजेंसियां उसे पकड़ने के लिए कभी हार नहीं मानतीं। उन्होंने कहा, "हमारे देश में अपनी बात रखने का सही तरीका है लेकिन हिंसा करना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही तरीका नहीं है।"
अंत में कहा जा सकता है कि सैन डिएगो की गिरफ्तारी से यह भी साफ हो गया है कि अमेरिकी कानून व्यवस्था किसी भी संदिग्ध के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ती चाहे वह कितने साल भी छिपा रहे।